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शब्दरत्नमहोदधिः।
[दीर्घकणा-दीर्घजीव
वृश्चि.ड, मेन्योतिषशास्त्र प्रसिद्ध राशिमी- पञ्चम- दीर्घगति पुं. (दीर्घा गतिरस्य) 6ष्ट्र, 12. षष्ठ-सप्तमाष्टमराशयः यथा-वृश्चिक- कन्या-मृगपति- दीर्घग्रन्थि पुं. (दीर्घा ग्रन्थिः पर्व यस्य) २०४पी५२. वणिजो दीर्घाः । -दीर्घान् कटाक्षान् -मेघ० ३५।। (स्त्री. दीर्घा ग्रन्थिः) मिथ्यात्व, ए. वहस्या (त्रि. दृ+घञ्) ij, ausaij -दीर्घोच्छवासं છ, ક્રોધાદિક ચાર કષાય-આ ચૌદ પ્રકારની
समधिकतरोच्छवासिना दूरवर्ती -मेघ० १०३।। अन्तन-मोटी. ग्रन्थि -'मिच्छत्तं वेयतिगं दीर्घकणा स्त्री. (दीर्घा कणा) स३६ ®.
हासाइछक्कगं च नायव्वं । कोहाईण चउक्कं चउदस ण्टक पुं. (दधिः कण्टको यस्य) मावन जा. अब्भंतरा गंठी' -संबोधसप्ततिकावृत्तौ ।। दीर्घकण्ठ, दीर्घकण्ठक पुं. (दीर्घः कण्ठो यस्य, | दीर्घग्रीव, दीर्घघाटिक पं. (दीर्घा ग्रीवा यस्य/दीर्घा दीर्घकण्ठ+कन्) and url, सारस, पक्षी, ते. नाम,
घाटा अत्यस्य ठन्) 2. (पुं.) पश्चिमी उत्तरे राक्षस. (त्रि. दीर्घः कण्ठो यस्य) ८ial. 38वाणु..
आवेदो मे. हेश, नीराय नामे मे पर्वत. त्रि. __(पुं. दीर्घः कण्ठः) eiol. 325.
दीर्घा ग्रीवा यस्य) cirl. n.saij. दीर्घकण्ठी, दीर्घकन्धरी (दीर्घकण्ठ + स्त्रियां ङीष्।
दीर्घग्रीवी, दीर्घघाटिकी स्त्री. (दीर्घग्रीव+स्त्रियां जातित्वात् ___ दीर्घकन्धर+ङीप्) जगदी.
ङीष/दीर्घघाटिक+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) 6230. दीर्घकन्द पुं. (दीर्घः कन्दो यस्य) भूगो. दीर्घकन्दिका स्त्री. (दीर्घः कन्दो यस्याः कप टाप् अत
दीर्घचञ्चु पुं. (दीर्घा चञ्चुरस्य) मे.तनु, पक्षी.. इत्वम्) भूसी .
दीर्घच्छद पुं. (दीर्घाश्छदा यस्य दीर्घाश्च ते छदाश्च) दीर्घकन्धर पुं. (दीर्घः कन्धरोऽस्य, दीर्घश्चासौ कन्धरश्च
શેલડી, સાગનું ઝાડ, લાંબું પાંદડું, લાંબી પાંખ. वा) अगसो पक्षी, Ticl. 32.5. (त्रि. दीर्घः कन्धरः । (त्रि. दीर्घाश्छदा यस्य) eicu vi६uj, cist यस्य) cirl. 3. वा. .
પાંખવાળું. दीर्घकाण्ड पुं. (दीर्घः काण्डः यस्य) मे. सातनं घास.. दीर्घजङ्गल पुं. (दीर्घ यथा तथा जङ्गलो-गतिशील:) दीर्घकाण्डा स्त्री. (दीर्घः काण्डोऽस्याः) ५वारी એક પ્રકારનો મત્સ્ય-માછલું. - લતા, તિક્તાંગતા નામની લતા.
दीर्घजङ्गली स्त्री. (दीर्घजङ्गल+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) दीर्घकाय त्रि. (दीर्घः कायः यस्य) civil शरीरवाणु. .तनी भाछी.... दीर्घकाल पुं. (दीर्घः काल:) aial quत-समय. दीर्घजङ्घ पुं. (दीर्घा जङ्घा यस्य) 6ष्ट्र, 2, . दीर्घकील, दीर्घकीलक पुं. (दीर्घः कील: शाखादण्डो पक्षी. (त्रि. दीर्घा जङ्घा यस्य) aiccी. वा.
यत्र/दीर्घः कील: स्वार्थे कन्) मंडीद, डीट | दीर्घजङ्घा स्त्री. (दीर्घा जंघा) cial.si
वृक्ष (पुं. न. दीर्घः कील:) isो जातो. दीर्घजबी स्त्री. (दीर्घजङ्घ +स्त्रियां ङीष्) 1231, Mil. दाघकूर, दाघकूरक न. (दाघ कूरम्/दघि कूरकमन्नम्) | दीर्घजिह्व पुं. (दीर्घा जिह्वा यस्य) सप, ते नामे में. આંધ્રપ્રદેશમાં ઉત્પન્ન થતી એક જાતની ડાંગર, રાજા.
नव -गरिष्ठश्च वनायुश्च दीर्घजिह्वश्च दानवःदीर्घकेश पुं. (दीर्घाः केशा इव लोमान्यस्य) रीछ,
महा० १।६५।३०। ते ना. . राक्षस, दूतरी, ते. पश्चिमी उत्तरे भावो में देश -एकविलोचनशूलिकदीर्घ-ग्रीवास्यकेशाश्च -बृहत्संहितायाम् । (त्रि. दीर्घजिता स्त्री. (दीर्घा चासो जिह्वा च दीर्घा जिह्वा
____ नमनी कुमार नो. अनुयर. दीर्घाः केशा यस्य) in Anj. (पुं. दीर्घाश्च ते |
यस्या वा) cirl. DH, ते. ना. म. राक्षसीकेशाश्च) Ail श. दीर्घकेशी स्री. (दीर्घकेश+जातित्वात् स्त्रियां ङीप्)
द्वयक्षीं त्र्यक्षीं ललाटाक्षीं दीर्घजिह्वामजिह्विकाम्N७९l, aiशवाजी स्त्री -बिम्बोष्ठी चारुनेत्रा
| महा० ३।२८९।४४ । ति स्वामीनो . अनुयर, गजपतिगमना चारुकेशी सुमध्या -महानाटके ।
એક માતૃકાગણ. दीर्घकोशिका, दीर्घकोषिका स्त्री. (दीर्घः कोशो यस्याः ।
| दीर्घजिह्वी स्त्री. (दीर्घजिह्व+ ङीष्) सपि0, तरी.. संज्ञायां कन् टाप् अत इत्वम्/दीर्घः कोषो यस्याः
दीर्घजीव, दीर्घजीविन् त्रि. (दीर्घ जीवति जीव+क/ कप टाप् अत इत्वम्) . तनी. भL9el..
दीर्घ जीवति जीव+णिनि) ciou. 14 सुधी. वना२.
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