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शब्दरत्नमहोदधिः।
[असामञ्जस्य-असितनयन
असामञ्जस्य न. (न समञ्जस ष्यञ्) १. १२२५२ नलि | असि ली. २00 ४७ ला भावली. ते. नामनी.
હોવું તે, ૨ અયોગ્યપણું, અશુદ્ધિ, અનૌચિત્ય, में नही.. असामञ्जस्य त्रि. (न सामञ्जस्यं यस्य) अयोग्य, | असिक न. (असि+संज्ञाया कन्) डी6 अने. ७७५य. नधिसतुं, अघटित.
વચ્ચેનો ભાગ. असामयिक त्रि. (न समयोऽस्य प्राप्तः ठञ्) समय असिक्निका स्त्री. (असिक्नी+कन्) १. ४-14luci. વિનાનું, કસમયનું, જેને સમય પ્રાપ્ત ન થયો હોય
રહેનારી જુવાન દાસી, ૨. તે નામની પંજાબની એક તે, કવેળાનું, જે ઋતુને અનુકૂળ ન હોય તે.
नही, 3. त्रि, ४. 3 तनी उन्या, असामर्थ्य न. (न सामर्थ्यम्) असमर्थ, समर्थन
५. सेवियुवती. अमाव.
असिक्नी स्त्री. (सो+क्त-सिता केशादौ शुभ्रा जरती असामान्य त्रि. (न सामान्यं यस्य) १. अतुल्य,
तद्भिन्ना अवृद्धा स्नादेशः ङीप् च) 6५२नो अर्थ ૨. અનુપમ, જે સાધારણ ન હોય તે. असामान्य न. (न सामान्यम) समान५५॥नी अमाव.
मा. युवती सवि. असाम्प्रतम् अव्य. (न सांप्रतम्) १. सायोज्य,
असिगण्ड पु. (असिः क्षिप्तो गण्डो यत्र) नानू, ue. २. अयुत. -विषवृक्षोऽपि संवर्ध्य स्वयं छेत्तुमसांप्रतम्
__ मसुरियु. -कुमा० २।५५
असिचर्या स्त्री. (असि चर्य टाप्) २२७॥२त्र. यादवानी असाम्प्रतिकता स्त्री. (न संप्रति ठक् ता) अयोग्य
અભ્યાસ. વ્યવહાર કરવાની અવસ્થા.
असिजीविन् त्रि. (असि+जी+णिनि) १. तलवार असाम्प्रदायिक त्रि. (न संप्रदाय ठक्) दसम्मत. રાખી પોતાનું ગુજરાન ચલાવનાર, ૨. તલવાર ઉપર ન હોય, પરંપરાવિરુદ્ધ હોય.
बनार, सैनि.ड, योद्धा. असार पु. न. (नास्ति सारो यस्य) नी२.स., स्वा२डित, | असित पु. (न सितः) १. stol al, -असिता સાર વિનાનું, એરંડિયાનું ઝાડ, અગરુચંદન. मोहरजनी-शा० ३।४, २. दृष्य ५६, 3. शनिड, बहूनामप्यसाराणां संहतिः कार्यसाधिका-पञ्च० ते. नामना मे ऋषि, -स्वनामख्यातः कश्चिद् १।३३।१
व्यासशिष्यो मुनिः-हरिवंशे. मे नमन. २0%1-भरतनो असार त्रि. (नास्ति सारो यस्य) स२ विनानु, निरर्थ.. पत्र - भरतात त महातेजा असितः समजायत । असारे खलु संसारे सारमेतश्चतुष्टयम्-धर्म० १२॥१३
-रामा० असार पु. (न सारः) तु५७५९, सरनो अमाव.. असित त्रि. (न सितः) आणु.. -धिगिमां देहभृतामसारताम्-रघु. ८५१
असितकाच्चिस् पु. (असितका-कृष्णा अचिर्यस्य) असावधान त्रि. न (सावधानः) Msीन, साव नलि
अग्नि . .mo विनानु,6पेक्ष २नार, प्रमाही,५२वाड.
असितकेशा स्त्री. (असिता केशा यस्याः) sun aanari असाहस न. (न साहसम्) तिन 6५यो न. ४२वो..
स्त्री. असाहसिक त्रि. (न साहस ठक्) साहसपूर्व म
असितकेशान्त त्रि. (असिता केशान्ताः यस्याः) stu न. शश, लेविया वगरनु न ४३. -न सहास्मि साहसमसाहसिकी-शि० ९५९
वजी. स्त्री.. असाहाय्य न. (न साहाय्यम्) सायनो अभाव, मनो
असितगिरि पु. (असितो गिरिः) नीर. ५वत, नीयन अभाव.
असितनग को३ ५७ मे. ४ अर्थमा ५२राय छे. - असाहाय्य त्रि. (न साहाय्यम् यस्य) सहाय वर्नु,
असितनग-असितगिरिसमं स्यात् कज्जलं सिन्धुपात्रेમદદ વગરનું.
शिवमहिम्नस्तोत्रम्. असि अव्य. (अस्+ इन्) 'तु' सेवा समा. असितग्रीव पु. (असिता ग्रीवा धूमेन यस्य) जी. असि पु. (अस्यते-क्षिप्यते अस्+इन्) तलवार, श्वास, ___२४नवायो, अग्नि. ५शुमान वानी. ७२२. (त्रि. ) ३य त. असितनयन त्रि. (असिते नयने यस्य) stv0. Himauni.
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