________________
१६८
शब्दरत्नमहोदधिः।
[अयुतसिद्ध-अयोमय अयुतसिद्ध त्रि. (युतः पृथाभूतः सन् सिद्धो न भवति) | अयोगवाह अनुस्वार, विस, ®ड्वाभूबीय, तथा
જે બેમાં એક વિનાશ ન પામે ત્યાં સુધી બીજાને | 64ध्मानीय साक्षरी. (अक्षरसमाम्नायसूत्रेषु अइउण्इઆશ્રિત જ રહે તે અયુતસિદ્ધ. જેમકે ૧. અવયવ त्यादिषु चतुर्दशसु नास्ति योगो पाठादिरूपः सम्बन्धो અને અવયવી, ૨. ગુણ અને ગુણી, ૩. ક્રિયા અને येषां ते तथापि वाहयन्ति षत्व- णत्वादिकार्यादिकं ક્રિયાવાનું ૪. જાતિ અને વ્યક્તિ તથા પ. વિશેષ निष्पादयन्ति वाहेः अच् અને નિત્યદ્રવ્ય, અપૃથક કરણીય, અંતનિહિત. - अयोगुड पु. (अयसा निर्मितो गुडः) दो.ढानो. ailu.. ययोर्द्वयोर्मध्ये । एकमविनश्यदपराश्रितमेवावतिष्ठते अयोगुल पु. (अयसा निर्मितो गुलः) ५२नो अर्थ तावयुतसिद्धौ, अयुतसिद्धौ च पञ्चविधौ-यथा १. अवयवावयविनौ २. गुण-गुणिनौ ३. क्रिया-क्रियावन्तौ | अयोगू पु. (अयो लोहविकारं गच्छति कर्तृत्वेन गम्+डू) ४. जाति-व्यक्ती ५. विशेष-नित्यद्रव्ये चेति
सुडा२. अयुतसिद्धि स्त्री. (यु-अमिश्रणे+युतः क्त पृथगपेण
अयोग्य त्रि. (न योग्यः) योग्य नलित, अयोग्य, स्थितः तथाभूतयोः सिद्धिः अभावे न० त०) पृथ
निरर्थ.. ભાવે અસિદ્ધિ, કેટલાક વિચારો કે વસ્તુઓ અભિન્ન
अयोग्यता स्त्री. (अयोग्यस्य भावः तल) अयोग्य५. છે એવું પ્રમાણિત કરવાની ક્રિયા, સ્વતઃ સિદ્ધિ.
अयोग्यत्व न. (अयोग्यस्य भावः त्व) 6५दो शब्द मो. अयुताजित् पु. (अयुतं जितवान् जि भूते क्विप् दीर्घः)
अयोऽग्र न. (अयोऽग्रेमुखे यस्य) भूसम, सबलु. તે નામના યદુવંશી એક રાજા.
अयोधन पु. (अयांसि हन्यतेऽनेन) थो, ५५. अयुताध्यापक पु. (अयुतश्चासावध्यापकश्च) उत्तम शिक्षा,
अयोजाल न. (आयोविकारः जालम्) lal. u.. શ્રેષ્ઠ ગુરુ.
अयोदंष्ट्रा त्रि. (अयोमयी दंष्ट्रा चक्रधारा यस्य) दोvil 'अयुद्ध न. (न युद्धम्) युद्ध नलित.
પૈડાંના પાટાવાળો રથ વગેરે. अयुद्ध त्रि. (न युद्धं यस्य) युद्धरहित, युद्ध .
अयोदत् त्रि. (अय इव कठिनो दन्तो यस्य) alal. अयुव त्रि. (न यौति यु. वा. क.) असंमिश्र, मेसेज
જેવા કઠણ દાંતવાળું. नलि.
अयोद्ध त्रि. (न योद्धा) ना. नथी, युद्ध नाहि
७२नारी. अयुवन् पु. (न युवा) वृद्ध.
अयोध्य त्रि. (योद्धमशक्यः) लेन. सामे युद्ध न. 25 अयूनी स्त्री. (न युवा ङीप्) वृद्ध स्त्री..
शत. अयूप्य त्रि. (न यूपे साधु यत्) , 40२. वृक्षा अये अव्य. (इण् एच्) १. भ.३२, २.
अयोध्या स्त्री. (न योद्धुमशक्या) अयोध्यानगरी. डी, 3. है,
अयोध्याकाण्ड न. (अयोध्यायास्तत्रत्यवृत्तान्तवर्णनस्य ४. घi, ५. ५i, 9. हमi, ७. म.२.24i,
काण्डम्) रामायरान्तात. मे sis. ૮. સ્મરણમાં અને ૯, બુદ્ધિના અભાવમાં વપરાય
अयोनि स्त्री. (न योनिः) योनि.सि.वायर्नु, ६ ५७॥ ... छ. -अये मातलि-श० ६
अयोनि त्रि. (न योनिः उत्पत्तिस्थानं यस्य) ५४न्य, अयोग पु. (युज् भावे घञ् नत०) १. योगना
नित्य, शाश्वत, ब्रह्मा, शिव. - जगद्योनिरयोनिस्त्वम् समाव, योतिषप्रसिद्ध ५२५. योगा, २. वियोग,
-कुमा० २९ 3. डूट, ४. मोटुं, ५. तनामनी से रो. (न.)
| अयोनिक त्रि. (न आम्नाता योनिर्यस्य कप्) छेनी. ૬ ભિન્નતા, પૃથકુપણું, અયોગ્યતા, અવકાશ, અનુચિત | યોનિ કહેવામાં ન આવી હોય તે. भेग, विधुर, अरथि, थो32, शरीरभ. प. वस्तुमान | अयोनिज त्रि. (योनेनं जायते जन्+ड) योनिथी. उत्पन्न સંયોગનો અભાવ.
नल थनार, अगस्त्य मुनि, द्रोuयार्थ, सीता वगैरे. अयोगव पु. (अयोगं दुष्टयोगं वाति वा+क) १. शूद्र | अयोमय त्रि. (अयसो विकारः मयट) सानो वि.२, પુરુષથી વૈશ્યસ્ત્રીમાં ઉત્પન્ન થયેલ વર્ણસંકર.
मस्त्र-शस्त्र वगैरे.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org