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अभिधानचिन्तामणिनाममाला
१०१७
ग्रन्थाः ग्रन्थकाराश्च
पं. | पृ. । पं. |
पृ. | पं. |
पृ. | पं. | पृ. | पं. | पृ.
| पं. |
पृ. ।
इन्दुमित्रः
५१
उज्ज्वलदत्त:
१९२ /२७ / २०१ | ४४ २३२ | २९ | २४४ | ५६ २६३
३९
३८६ | ५६ |४३० ५० |४३७|३५|४८३ | २८५०५ ७६४२ / ३७
उणादिः
२३९ | ४४/५९५५०
उणादिवृत्तिः
३|४४८/ ३३ | ४६५|२३| ४८१ | ४०५९६३७
उत्पलः
४१७
उत्पलिनी
३४ | १७ | ७६ | १५ | ११९ ५३ | ६३८ | ३|
उपदेशमालाकर्णिका
उपाध्यायसर्वस्वम्
ऊष्मविवेकः
७५
६ ८४ | १३
| २७
१४
४३५ ९९ ४४७ | २७ ४५३ ६३ ४६६ / २८ ४६६ ३४ ४९३ २५ ४९६ । ।
४९३ | २५ | ४९६
|५०८५६५१९| ४/५१९४१ | ५२२/५३ ५४०२२५४१ / ३५ ५५०
४२
५५५ | ३०/५९९] ६१ ६२५] १/६२५, २७/६३६
|६४६/४७/६६६
४२
एके
४४ | ५५
५१] ५०
७३६०|१०१/४८ १२६ | ४४
१४०४२|१४२
१५०
|१९०|१२| १९०४४|१९२ | २५
| १९३ | २७ | २२४ / २३
२२६/३७/२३४| १२ | २६५/१२/२६७ | ६/२७५ | १३ | २८१ | ३२ | २९२ | १२
३००
२३१६| ३० | ३१६ | ३८ | ३६३ | ६१ ३७२ ४०
३७४ | १९ | ३७७
३८३ | ३३ |३८६ | १०|४१४|२९| ४१८/५२|४१९| ४० ।
४२६/४४|४५० | ४५
६४२ | ४९ ६५९) ७६७६११
औपनिषदाः
१००
कण्ठभूषणकाव्यालङ्कारम् | २५० २८ कप्पि( प्फि)णाभ्युदयः |२२१ | ५५
कलिङ्गः
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