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द्वितीयकाण्डम्
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वणिग्वर्गः १० धुरिणो धूर्वहो धूर्यो धौरेयश्च धुरन्धरः ॥३०॥ नस्योतो नस्यितः स्युत-नासिको ये तु केवलम् । वोढारः शकटस्यैक-धुरीणैक धुरौ समौ ॥३१॥ समौसमीना सागौर्या वर्षे वर्षे प्रसूयते । एकहायनवत्सायाः संज्ञा वष्कयिणी गवी ॥३२॥ नव प्रसूता धेनुः स्यात्सुखदोह्या तु सुव्रता । सुकरी गौरचण्डी स्याद्वहेपत्या परेष्टुका ॥३३॥ गृष्टिः सकृत्प्रस्तायां 'वैशावन्ध्या नगर्भ भाक् ।
हिन्दी- (१) गाडी वहन करने वाले बैल के पांच नामधुरीण १ धूर्वह २ धुर्य ३ धौरेय ४ धुरन्धर ५ पु० । (२) नाथ लगाये गये बैल के तोन नाम- नस्योत १ नस्यित २ स्यूतनासिक ३ पु० । (३) केवल हल में केवल गाडा में अथवा दाएं या वाएं एक हो युग में वहने वाले बैल के दो नाम- एकधुरोण १ एक धुर २ पु० । (४) प्रतिवर्ष व्याने वाली गाय का एक नामसमासमोना १ स्त्रो० । (५) जो गाय एक वर्ष का बछडा होने पर पुनः गर्भवती हो उस गाय का एक नाम- वष्कयिनो १ स्त्री०। (६) नई व्याई गाय को 'धेनु' कहते हैं स्त्री० । (७) जिस गाय से आसानी के साथ दूध दुहे जाय उस गाय के दो नामसुखदोह्या १ सुव्रता २ स्त्री० । (८) सुशील गाय के दो नाम सुकरा १ अचण्डी २ स्त्री० । (९) बहुत वच्चे हों जिसको उस गाय के दो नाम- बहपत्या १ परेष्टुका २ स्त्री० । (१०) पहला
ही प्रसव जिसको हुआ हो उस गाय का एक नाम- गृष्टि १ स्त्री . (११) बन्ध्या गाय के दो नाम- वशा १ बन्ध्या २ स्त्री० ।
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