________________
द्वितीयकाण्डम्
२०६
क्षत्रियवर्गः ९ शुक्लाऽश्वे पुसिकः स्याद् रथ्यस्तु रथवादकः । आश्वीन येन चैकाहा गम्यो गम्येत तत् त्रिषु ॥५५॥ घोर्टेयश्वा वडवा वामो वार्डधं वडवागणः । अश्वस्य नासिका प्रोथं धारापश्च गतिर्यथा ॥५६॥ प्लुतमास्कन्दितं धौरि तकं वल्पितरेचके । हेषां हेषा च शब्देस्त्री कश्यं मध्ये नपुंसकम् ॥५७॥ गलदेशो निगालोऽथाऽऽश्वीय माश्वं हयोच्चयः।
खुरः पुंसि शर्फ क्लीबे पुच्छ।ग्रं वालधिः पुमान् ॥५८॥ (१) सफेद घोड़े के एक नाम-कर्क १ पु. । (२) रथ में चलने चाले घोड़े के एक नाम-रथ्य १ पु. (३) जिस घोड़े से एक दिन में ही गन्तव्य देश जाया जा सके उप घोड़े का एक नामआश्वीन १ त्रिलिङ्ग । (४) घोड़ी के चार नाम घट! १ अश्वा २ वडवा ३ वामो ४ स्त्रो. । (५) घोड़ी समुदाय के दो नाम-वाडव १ नपुं, वडागण २ पु. । (६) घोडा के नासिका के एक नाम-प्रोथ १ नपुं.। (७) घोड़े की चाल के दो नाम-धारा १ गति २ स्त्री. । (८) इनके पांच भेद-'लुत १ आस्कन्दित २ धौरितक ३ वल्गित ४ रेचक ५ नपुं. । (९) अश्व शब्द के दो नाम-हेषा १ रुषा २ स्त्री. । (१०) घोड़े के पीठ [मध्यदेश के एक नाम-कश्य १ नपुं. (११) घोडे के गलसमीप देश का एक नाम-निगाल १ पु. (घण्टाबन्ध समोपस्थो निगलः कथिता बुधैः । तस्मिन्नेव मणि मि रोमजः शुभ-कृन्मतः ।।] (१२) अश्व समूह के दो नाम-आश्वीय १ आश्ल २ नपुं.। (१३) खुर के दो नाम-खुर १ पु, शफ २ नपुं. । [१४] पुच्छ के आगे भाग के दोनाम-पुछान १ नपुं., वालधि २ पु. ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org