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द्वितीयकाण्डम्
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धान्यादिवर्गः ५
यन्त्रैर्निष्पीडितस्येक्षो विकारो यो रसः स्मृतः । पको रसो यदा गाढो रावे इत्युच्यते बुधैः ॥ ३३ ॥ ततो गाढतरे क्लीबं फौणितं गुडइष्यते । अस्त्रt खण्डोsति गाढस्यान्मैत्स्यण्डी स्त्री सिता भवेत् एकैकं नाम वक्ष्येऽथ पोलिकान्तं पृथक् पृथक् । संयावो मँठकः पक वटी च तिलेपर्पटी ||३५|| स्त्रियां पाटलैजम्बूः स्यात् शट्टकै मुद्गमोदकः । "यूषः पुमान् स्त्रियां "लोप्त्री चूर्णिको "दुग्धकूपिका ॥
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(२) अग्निसंयोग से
का एक नाम-राव
२ स्त्री० ।
(१) रस का एक नाम - रस १ पु० । पकाये गये रस १ पु० । (३) राव से और अधिक पाक होने पर दो नाम - फाणित १ नपुं०, गुड २ पुं० । ( ४ ) चीनी का एक नाम - खण्ड १ अस्त्री० (५) मिसरी के दो नाम – मत्स्यण्डी १, सिता (६) हलुआ के एक नाम -संयाव १ पुं० । (७) माठा (पेठा ) का एक नाम - मठक १ पु० । (८) पकौड़ी का एक नाम पक्ववटी १ स्त्री० । ( ९ ) तिल पापड का एक नाम - तिलपर्पटी १ स्त्री० । (१०)) गुलाब जामुन का एक नाम - पाटलजम्बू १ स्त्री० । (११) चासनो का एक नाम - शहक १ नपुं० । (१२) मोतीचूर लड्डू का एक नाम - मुद्गमोदक १ पु० । (१३) दूध के मावा का एक नाम - यूष १ पुं० । (१४) लाई का (ममड़ा और गुड़ का लड्डू) एक नाम - लोप्त्री १ स्त्री० । (१५) चुरमे का एक नाम - चूर्णिका १ खो० । (१६) पेंडा का एक नाम दुग्धकूपिका खो । (१५)
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