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आराधना कथाकोश
भी बड़ी चिन्ता हुई । वह जीवंजसासे बोला- प्रिये, घबराने की कोई बात नहीं, मेरे पास इस रोगकी भी दवा है । इसके बाद ही वह वसुदेवके पास पहुँचा और उन्हें नमस्कार कर बोला - गुरु महाराज, आपने मुझे पहले एक 'वर' दिया था। उसकी मुझे अब जरूरत पड़ी है । कृपा कर मेरी आशा पूरी कीजिए। इतना कहकर कंसने कहा- मेरी इच्छा देवकीके होनेवाले पुत्रके मार डालनेको है । इसलिए कि मुनिने उसे मेरा शत्रु बतलाश है । सो कृपाकर देवकीकी प्रसूति मेरे महल में हो, इसके लिए अपनी अनुमति दीजिए । कंसकी अपने एक शिष्यकी इस प्रकार नीचता, 'गुरुद्रोह देखकर वसुदेवकी छाती धड़क उठी । उनकी आँखों में आँसू भर आये । पर करते क्या ? वे क्षत्रिय थे और क्षत्रिय लोग इस व्रत के व्रती होते हैं कि "प्राण जाँहि पर वचन न जाँहि ।" तब उन्हें लाचार होकर कंसका कहना बिना कुछ कहे सुने मान लेना पड़ा। क्योंकि सत्पुरुष अपने वचनों का पालन करनेमें कभी कपट नहीं करते । देवकी ये सब बातें खड़ी खड़ी सुन रही थी । उसे अत्यन्त दुःख हुआ । वह वसुदेवसे बोलीप्राणनाथ, मुझसे यह दुःसह पुत्र दुःख नहीं सहा जायगा । मैं तो जाकर जिनदीक्षा ले लेती हूँ । वसुदेवने कहा- प्रिये, घबराने की कोई बात नहीं है, चलो, हम चलकर मुनिराजसे पूछें कि बात क्या है ? फिर जैसा कुछ होगा विचार करेंगे । वसुदेव अपनी प्रिया के साथ वनमें गये । वहाँ अतिमुक्तक मुनि एक फले हुए आमके झाड़के नीचे स्वाध्याय कर रहे थे । उन्हें भक्तिपूर्वक नमस्कार कर वसुदेवने पूछा - हे जिनेन्द्र भगवान् के सच्चे भक्त योगिराज, कृपा कर मुझे बतलाइए कि मेरे किस पुत्र द्वारा कंस और जरासंघकी मौत होगी ? इस समय देवकी आमको एक डाली पकड़े हुए थी । उस पर आठ आम लगे थे । उनमें छह आम तो दो-दोकी जोड़ीसे लगे थे और उनके ऊपर दो आम जुदा-जुदा लगे थे । इन दो आमोंमेंसे एक आम इसी समय पृथिवी पर गिर पड़ा और दूसरा आम थोड़ी ही देर बाद पक गया । इस निमित्त ज्ञान पर विचार कर अवधिज्ञानी मुनि बोले - भव्य वसुदेव, सुनो, मैं तुम्हें सब खुलासा समझाये देता हूँ । देखो, देवकी के आठ पुत्र होंगे। उनमें छह तो नियमसे मोक्ष जाँयगे । रहे दो, सो इनमें सातवाँ तो जरासंध और कंसका मारनेवाला होगा और आठवाँ कर्मोंका नाश कर मुक्ति महिलाका पति होगा । मुनिराजसे इस सुखसमाचारको सुनकर वसुदेव और देवकोको बहुत आनन्द हुआ । वसुदेवको विश्वास था कि मुनिका कहा कभी झूठ नहीं हो सकता । मेरे पुत्र द्वारा कंस और जरासंधकी होनेवाली मौतको कोई नहीं टाल सकता । इसके
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