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७८ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-ऋतु शब्द
हिन्दी टोका-क्रतु शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं - १. मुन्यन्तर (मुनि विशेष) २. यज्ञ और ३. विश्वदेव विशेष । क्रन्दन शब्द नपुंसक है और उसके भी तीन अर्थ होते हैं१. रुदित (रोदन) २. योधसंराव (योद्धाओं का चिल्लाना) और ३. आह्वान । मूल : क्रन्दितं रोदनाऽऽह्वान - योधचित्करणादिषु।
क्रम आक्रमणे शक्तौ चरणेऽनुक्रमे विधौ ॥ ४१७ ।। हिन्दी टोका-कन्दित शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ होते हैं -१. रोदन (रोना) २. आह्वान (स्पर्द्धापूर्वक बोलना) और ३. योधा चित्करणादि (योद्धाओं का चीत्कार) । क्रम शब्द पुल्लिग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं -१. आक्रमण, २. शक्ति, ३. चरण (पैर) ४. अनुक्रम (अनुक्रमणिका) और ५. विधि । मूल : क्रमकः पट्रिका लोध्र पुगे कासिका फले ।
ब्रह्मदारुतरौ भद्र-मुस्तके स्मर्यते पुमान् ॥ ४१८ ॥ हिन्दी टोका-क्रमुक शब्द पुल्लिग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं-१. पट्टिका लोध्र (पठानी लोह) २ पूग (सुपारी) ३. कार्पासिका फल (कपास की फली) ४. ब्रह्मदारु तरु (सहतूत, तूत) ५. भद्रमुस्तक (मोथा)। मूल : क्रव्यादो राक्षसे सिहे श्येने मांसाशिनि त्रिषु ।
क्रियाकर्मणि चेष्टायां पूजने सम्प्रधारणे ॥४१६ ॥ हिन्दी टीका-क्रव्याद शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ होते हैं-१. राक्षस, २. सिंह, ३. श्येन (बाज पक्षी) किन्तु ४. मांसाशी (मांसभक्षणशील) अर्थ में त्रिलिंग है। क्रिया शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. कर्म, २. चेष्टा, ३ पूजन, ४. सम्प्रधारण (निर्धारण)। मूल : उपायारम्भशिक्षासु चिकित्सायां च निष्कृतौ।
व्यवहारान्तरे श्राद्ध धात्वर्थे हेतु शौचयोः ॥ ४२० ॥ हिन्दी टीका-क्रिया शब्द के और भी दस अर्थ होते हैं --१. उपाय, २. आरम्भ, ३. शिक्षा, ४. चिकित्सा, ५. निष्कृति (प्रतिशोध) ६. व्यवहारान्तर, ७. श्राद्ध, ८. धात्वर्थ, ६. हेतु और १० शौच (पवित्रता)।
क्र रो नृशंसे कठिने घोर उष्णे त्रिलिंगकः । क्रोडं भुजान्तरोत्संगभोगेषु स्त्रीनपुंसकम् ।। ४२१ ॥ क्रोड: शनैश्चरे कोले वाराहीकन्द ईरितः ।
क्रोशो मुहूर्ते गव्यूते दण्डे युगसहस्रके ॥ ४२२ ॥ हिन्दी टीका-क्रूर शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं -१. नृशंस (घातक) २. कठिन (कठोर) ३. घोर । किन्तु उष्ण अथ में त्रिलिंग है । क्रोड शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ होते हैं१. भुजान्तर (बाहुमध्य) २.उत्संग (गोद) ३. भोग । क्रोड शब्द पुल्लिग है उसके तीन अर्थ होते हैं
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