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६० / नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित- कालज्ञ शब्द मूल : देशभेदे भैरवेऽथ कालज्ञः कुक्कुटे पुमान् ।
मंजिष्ठा-त्रिवृतोः सोमवल्ल्यो कालमषी स्त्रियाम् ॥३२१॥ कालरात्रिर्भीमरथी शक्तिभेद कल्पनिशास्वपि।
कालस्कन्धो दुष्खदिरे तमाले जीवकद्रुमे ॥ ३२२ ॥ हिन्दी टीका-१. देशभेद (देश विशेष) को, २. भैरव (काल भैरव) को भी कालजर कहते हैं। कालज्ञ शब्द पुल्लिग है और उसका १. कुक्कुट (मुरगा) अर्थ होता है। कालमषी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. मञ्जिष्ठा (मजीठा रंग) २. त्रिवृत् (काला निशीथ) और ३. सोमवल्ली (सोमलता) । कालरात्रि शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं- १. भीमरथी, २. शक्तिभेद (शक्ति विशेष) और ३. कल्पनिशा (प्रलय रात्रि)। कालस्कन्ध शब्द पुल्लिग है और उसके भी तीन अर्थ होते हैं-१. दुष्खदिर (खराब कत्था) २. तमाल (गुल्मलता विशेष) और ३. जीवकद्र म (बन्धन वृक्ष)। इस तरह कालमषी शब्द के तीन एवं कालरात्रि शब्द के भी तीन और कालस्कन्ध शब्द के भी तीन अर्थ होते हैं। मूल : उदुम्बरे तिन्दुकेऽथ कालसूत्रं तु नारके ।
काला कुलिकवृक्षेऽश्वगन्धा-मंजिष्ठयोः स्त्रियाम् ॥३२३॥ नीलिनी पाटलावृक्ष-पालिन्दी सुषवीष्वपि ।
कालानुनादी भ्रमरे कलविङ्क कपिजले ॥ ३२४ ॥ हिन्दी टीका-कालस्कन्ध शब्द के और भी दो अर्थ माने जाते हैं-१. उदुम्बर (गलर) और २. तिन्दुक (कोचिला-उरकुसी, जिसको खिला देने से प्राणी मर जाते हैं)। कालसूत्र शब्द नपुंसक है और उसका १. नारक (नरक) अर्थ होता है । काला शब्द स्त्रीलिंग है और उसके सात अर्थ होते हैं · कुलिक वक्ष (रेंगनी कटया) २. अश्वगन्धा (वृक्ष विशेष, जिसका गन्ध घोड़े के सरखा होता है) ३. मंजिष्ठा (मजीठा) ४. नीलिनी (नील) ५. पाटला वृक्ष (गुलाब) ६. पालिन्दी (काला निशीथ, श्याम त्रिधारा) और ७. सूषवी (करैला-करैल)। कालानुनादी शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. भ्रमर (भौंरा) २. कलविङ्क (चकली, गोरैया, फुद्दी वगैरह) और ३. कपिजल (पक्षी विशेष, कचवचिया-हरिया वगैरह) । इस तरह काला शब्द के सात और कालानुनादी शब्द के तीन अर्थ समझना चाहिए। मूल :
चातकेऽप्यथ कालिङ्ग कालिन्दक फल स्मृतम् । कालिङ्गो भूमिकूष्माण्डेसर्पे लोहान्तरेगजे ॥ ३२५ ॥ कावेरी स्त्री हरिद्रायां वेश्यायां सरिदन्तरे ।
ग्रन्थे रसात्मके वाक्ये काव्यं शुक्र तु पुंस्ययम् ॥ ३२६ ॥ हिन्दी टीका-कालानुनादी शब्द का एक और भी अर्थ होता है-१. चातक (पक्षी विशेष)। नपंसक कालिङ्ग शब्द का १. कालिन्दक फल (जामुन) अर्थ होता है, पुल्लिग कालिंग शब्द के चार अर्थ होते हैं - १. भूमिकूष्माण्ड (कोहला-कदीमा, कुम्हर) २. सर्प (साँप) ३. लोहान्तर (इस्पात) और १. गज (हाथी)। कावेरी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१.हरिद्रा (हलदी) २. वेश्या (वारांगना
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