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२१८ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित—पलंकषा शब्द जाते हैं-१. विघटिका (क्षण-मिनट) २. साष्टरक्तिद्विमाषक (दो मासा और आठ रत्ती) ३. तोलकत्रितय (तीन तोला) ४. मांस ५. चतुष्कर्ष (चार कर्ष) ६. पलाल (पुआर-धान का डन्ठल) ७. मुण्डीरी ८. मक्षिका (मधुमक्खी) ६. लाक्षा (लाख) तथा १०. क्षुद्र गोक्षुरक (छोटा गोखरू-गोखुर-गोक्षुर)। इस तरह पल शब्द के दस अर्थ जानना। मूल : किंशुके गुग्गुली रास्नाद्रुमे स्त्री स्यात्पलंकषा।
पललं तिलचूर्णे स्यात् सैक्षवे पङ्क-मांसयोः ॥१२२७॥ पलाशः किंशुके शट्यां हरिते मगधेऽसुरे ।
क्लीवं पत्रे त्रिलिंगस्तु हरिद्वर्णयुतेऽदये ॥१२२८॥ हिन्दी टीका-पलंकषा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. किंशुक (पत्ता अथवा पलाश) २. गुग्गुलि (गुगल - गुगुल) ३. रास्नाद्र म (तुलसीवृक्ष) । पलल शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ होते हैं--१. तिलचूर्ण (तिल का चूर्ण) २. संक्षव (इक्षु-गन्ने का रस वगैरह) ३. पङ्क (कीचड़) और ४. मांस । पलाश शब्द पुल्लिग है और उसके पांच अर्थ होते हैं--१. किंशुक (पत्ता या ढाक पुष्प) २. शटी (कचूर-आमा हल्दी) ३. हरित (हरा रंग) ४. मगध और ५. असुर (राक्षस) किन्तु ६. पत्र (पत्ता) अर्थ में पलाश शब्द नपुंसक माना जाता है परन्तु ७. हरिद्वर्णयुतं (हरा रंग वाला) अर्थ में और ८. अदय (दयारहित-निर्दय) अर्थ में पलाश शब्द त्रिलिंग माना जाता है। मूल : पलाशी क्षीरिवृक्षे स्यात् वृक्ष-राक्षसयोः पुमान् ।
पलाशी सुरपर्त्यां स्याल्लाक्षायां स्त्री प्रकीर्तिता ॥१२२६।। हिन्दी टीका-नकारान्त पलाशिन् शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं१. क्षीरिवृक्ष (दूध वाला गूलर का वृक्ष वगैरह) २. वृक्ष तथा ३. राक्षस । स्त्रीलिंग पलाशी शब्द के दो अर्थ माने गये हैं—१. सुरपर्णी (लता विशेष) और २. लाक्षा (लाख)।। मूल : पलिघः काचकलशे प्राकारे गोपुरे घटे ।
पलितं कर्दमे तापे केशपाशे च शैलजे ॥१२३०॥ केशादिशौक्ल्ये जरसा वृद्धयोः पलितो द्वयोः ।
पल्लवोऽस्त्री किसलये शृङ्गारे विस्तरे बले ॥१२३१।। हिन्दी टीका-पलिघ शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. काचकलश (कांच का घड़ा) २. प्राकार (परकोटा, चाहरदीवारी, दुर्ग-किला) ३. गोपुर (नगर का दरवाजा) और
और ४. घट (घड़ा) । नपुंसक पलित शब्द के पाँच अर्थ माने जाते हैं-१. कर्दम (कीचड़) २. ताप (गर्मी) ३. केशपाश और ४. शैलज (पर्वत से उत्पन्न) तथा ५. जरसा केशादि शौक्ल्य (बुढ़ापे के कारण पका हुआ सफेद बाल--केश)। पुल्लिग तथा स्त्रीलिंग पलित शब्द के दो अर्थ होते हैं-१. वृद्ध (बुड्ढा पुरुष) तथा २. वृद्धा (बुड्ढी स्त्री)। पल्लव शब्द पुल्लिग तथा नपुंसक माना जाता है और उसके चार अर्थ होते हैं१. किसलय (नूतन पत्र-नया पत्ता) २. शृंगार, ३. विस्तर (फैलाव) और ४ बल (सामर्थ्य, शक्ति)। मूल : विटपे नवपत्रादियुक्त शाखाग्रपर्वणि ।
अलक्तरागे वलये चापलेऽपि प्रकीर्तितः ॥१२३२॥
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