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CORREGENDA
401
Story
Story 95 96
Verse 12d. 27d 360 410
86 35d. 45c
Read वर्जिताम् लजयते शोभनाकृति संछन्नां नग्नाचार्य तेनानीता क्रूराः जनः
Read पुरं तपोधियम् निवेदिताम् संभवाम् महादेवीस जटी छत्री बृ छत्रिकाकु बभूवू
460
अर्पितं
97
Verse 336 116 256 296 32a 440 70a 816 30d 1160 117a 1320 1546 156a 159c 175d 181a
4c
51a 81a 250 640 88d. 910 960 1080 F.n.3 19a F.n.5 296
9a 15a 18a 63a
ग्रहीत्
. पथाद्देशा लोकैस्तस्थौ संचूर्ण्यते ययुः सर्वास्त्राणि घटोनीनां जगादैतं [°द्वादशाब्द] °णखानामा [°स्त्रिशिरा] शूपेणखा खोरुमांसं सह सा प्रोक्तः ऊरु समारुक्ष स्तोकवेलां
जगावमूम् [°च्छदश्छिन्नस्त] समेताया
मदभ्याशं कन्याः दत्ताः द्विजः श्चतस्रो मादेव्या ग्रहीष्यति प्रापुस्तद्व दमधरा ग्रहीतु
98
350
स्रजम्
38d 550 81a 300
गङ्गाभद्रः पद्म
99
470
भव सं भ्रंश
130
326
126 F.n.1
'त्तमामुखें सक्तधीः देवौधै पतन् मोचनम्
220 20
र्थमग्नि
गुरोः
7d.
°च्छवि
14a 250 160
780 84b
560 616
67a. 102
34d 856 916
98d 102*2 50 102*5 50 102*7 26 102*8 17 102*10 50
256 104
24b 360
37a 105 656
1246 180a 1900 2236 249a 267d
जिनाश्रिताम् श्रुत्वाऽश्रुत येन लक्ष्मीणां पीषयि स्थितवां भयावहाम् जगादोद्धृ प्रहिणोमि रम्भागृहा संपन्नास्ता पिष्पलाधो मानस्ततो च समां देवः पृष्टवान् चतुरङ्गेण
876 1076 1866 211a 2286 240d. 2426 2590 2726
285a वृ० को० ५१
भवत्याः 'भक्ष्यण नरो व्र जिनदत्त नृ वर्तिना सत्वरम् सहोदर दत्ताः निशम्याड यायेष
सुखार्दिता 'विभूति द्वादश व मद्वंश भूभुजा शिखावलः
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