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देशी शब्दकोश
अविच्छिय-प्रसारित (ज्ञाटी प १४४) । अविणयवइ-जार-पुरुष (दे १११८ वृ)। अविणयवर-जार-पुरुष (दे १।१८) । अवियत्त--अप्रीति (व्यभा २ टी प ३४) । अवियाउरी–१ प्रसव करने पर जिसकी संतान तत्काल मर जाती हो, वह
स्त्री (ज्ञा ११२१८) । २ वन्ध्या (आवचू १ पृ २६४) । अविरल्ल-अविस्तारित, एकत्रित (व्यभा ४१४ टी प १०)। अविरल्लण-अविस्तारित, एकत्रित (व्यभा ५ टी प १०)। अविराय—अविध्वस्त (जी ३।११८) । अविरिक्क–अविभक्त (व्यमा ६ टी प ६) । अविल-.१ पशु । २ कठिन (दे १५२) । अविला-गड्डरिका (पिटी प २०)। अविहाड-१ बालक, बच्चा-'देशीभाषया बालकः' (बृटी पृ ६०८)।
२ अप्रकट (व्यभा ७ टी प ५)। अविहाविअ- १ दीन । २ मौन (दे ११५६) । अवेलि-खाद्य पदार्थ-विशेष (अंवि पृ ७१) । अवेसि-द्वार-फलक (दे श८)। अवेसिण-चौखट, द्वार-फलिह (पा ७६१) । अवोगिल्ल-अवाचाल-'महाराष्ट्रकमवोगिल्लमवाचालं'
(व्यभा ७ टी प २५)। अवोच्चत्य-अविपरीत (निचू २ पृ १२६)। अवोवच्छ—अविपर्यस्त (व्यभा ८ टी प ६)। अव्वंग-अक्षत (व्यभा ६ टी प ६६) । अव्वा-जननी, माता (दे ११५)। अव्वो—सम्बोधन-सूचक अव्यय (उसुटी प २१)। अव्वोकड्ढ-खींचा हुआ-'उक्कड्ढमोकड्ढे त्ति वा पुणो' (अंवि पृ८६)। अव्वोगड-~-१ अविभक्त-'अब्बोगडमविभत्तं' (बृभा ४७६६)। २ अविकृत
____ 'अव्वोगडं अविगडं' (व्यभा ७ टी प ६१)। असंखड-वाचिक कलह (निचू १ पृ ४६) । असंखडिय-कलह करने वाला (ओभा २२६)। असंखडी-कलह (प्रसाटी प २२८) ।
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