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देशी शब्दकोश
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विब्बोक-शरीर का एक प्रकार का वकार-विब्बोकः देशीपदं अंगज
विकारार्थे' (अनुद्वाहाटी पृ ६६)। विब्बोय--१ स्त्री की शृंगार-चेष्टा-विशेष । २ काम-विकार (अनुद्वा ३११) । विब्बोयण-उपधानक, तकिया (सूर्य २०१७) । विन्भवण-उपधान, तकिया (दे ७६८) । विभिडिय-मत्स्य की एक जाति (प्रज्ञा ११५६ पा) । विभेइअ—सूई से विद्ध (दे ७६७) । विभंगु-तृण-विशेष (प्रज्ञा ११४२) । विभमण-उपधान, तकिया (दे ७।६८ वृ)। विमइअ-भत्सित, तिरस्कृत (दे ७७१) । विमय-पर्व-वनस्पति-विशेष (प्रज्ञा ११४१) । विमलहर-कोलाहल (दे ७७२)। विमलिअ-१ मत्सर से उक्त । २ शब्द-सहित, शब्दवाला (दे ७।६२)। विमा-बांस का एक प्रकार (भ २१।१७) । विमिसिंत-प्रकाशित (अंवि पृ ६) । विम्हराइय-१ मूछित । २ विस्मापित (से ६।४१) । वियंछिय-विकर्षण-'मा तेण अंछवियंछियं कज्जिहिति'
(आवहाटी २ पृ २२८)। वियट्ट-आकाश-'अट्टे इ वा वियट्टे इ वा आधारे इ वा' (भ २०१६) । वियड-१ प्रासुक, निर्जीव-जं किंचि पावगं भगवं, तं अकुव्वं वियर्ड
भुंजित्था' (आ ६।१।१८) । २ जल-वियडं समयभाषया जलम् (ज्ञाटी प २६८) । ३ मद्य (पिनि २३९) । ४ तुच्छ
(से ६।२६)। वियडग-प्रासुक, निर्जीव (दश्रु ८।२४०) । वियडत्ता-मदिरापान का नशा, मत्तता-'पच्छा वियडत्ता जाया'
(उसुटी प ३४) । वियडासय-चुल्लू-वियडासय चुलुकमाहुवृद्धाः' (भटी पृ १२२७) । वियडि-अटवी, जंगल-वियडिशब्देन लोके अटवी उच्यते' (ज्ञाटी प ७२) । वियड्डि-तलाई-वियड्डि त्ति देशीवचनतः तडागिका' (उशाटी प १३८) । वियर-१ नदी आदि के सूख जाने पर पानी निकालने के लिए किया जाने
वाला गर्त (स्थाटी प २६६) । २ गत (ज्ञाटी प २३६)।
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