SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 412
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ देशी श० कोश मेहुण-म मा का पुत्र (बृभा २८२२) । मेहुणय-फूफा का लड़का (दे ६।१४८)। मेहुणि-१ मामे की लड़की । २ बूआ की लड़की-'मेहुणि त्ति ___माउलपिउस्सय धाता' (निचू ४ पृ १३५) । मेहुणिआ-१ मामा की लड़की-'मेहुणिया माउलदुहिया' (निचू २ पृ २४; दे ६।१४८)। २ भार्या (व्यभा ७ टी प ४३) । ३ साली, पत्नी की बहिन (दे ६।१४८) । मेहुल-मामा का बेटा-'मेहुलो (णो) माउलपुत्तो' (निचू ३ पृ ५८६) । मो-पादपूरक अव्यय (उ ६।१४) । मोअ-१ अधिगत, प्राप्त । २ ककड़ी आदि का बीजकोश (दे ६।१४८) । मोंढ-म्लेच्छ-जाति-विशेष (प्रज्ञा १८६)। मोकलि-वनस्पति-विशेष (भ २२१६)। मोक्कणिआ-कमल का काला मध्य भाग, कृष्ण-कणिका (दे ६।१४०)। मोक्कणी---कृष्ण-कर्णिका (दे ६।१४० व)। मोक्कल-स्वतंत्र (निचू २ पृ २२२)। मोक्कलय-खुला छोड़ना (ओटी प ६७)। मोगरावड-मत्स्य की एक जाति (जीवटी प ३६) । मोगली-वल्ली-विशेष (प्रज्ञा ११४०।५) । मोग्गड-१ नीच जाति-विशेष (पंवटी प ३७) । २ व्यन्तर-विशेष । मोग्गर–१ गुल्म-विशेष (जीव ३।५८०) । २ मुकुल, कलिका (दे ६।१३६)। ३ मोगरा, मगदंतिका का पुष्प (निचू ३ पृ ५१७)। मोग्गरग-मोगरा (निभा ४८३८)। मोग्गरिस-संकुचित, मुकुलित-'भयमोग्गरिअमुहा तुह रिउणो गयमोचया वणे जंति' (दे ६।१३६ वृ)। मोच-१ अर्धजंघी, एक प्रकार का जूता (दे ६।१३६) । २ मूत्र, प्रस्रवण (सूचू १ पृ ११८)। मोचय-एक प्रकार का जूता (दे ६११३६७)। मोट्टा-छोटा कोठा (अनुद्वामटी प १४०)। मोट्रा-धान का वह कोठा जो ऊपर-नीचे से संकरा और मध्य में विशाल हो (अनुद्वाहाटी पृ ७५) । मोड-जूट, शिर पर बंधे हुए केशों का जूडा, धम्मिल्ल (दे ६।११७) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy