________________
देशी शब्दकोश
३२१ भा-यंत्रवाहक पुरुष या यंत्र की देखरेख करने वाला पुरुष (दे ६।१०७) । भअण्ण-जोती हुई खल-भूमि में किया जाने वाला यज्ञ (दे ६।१०७) । भणग-बालक-'देशीपदमेतत् बालके' (व्यभा ४।२ टी प ६६) । भूणिया-लड़की-'सो सेज्जातरभूणियाते सह खेड्ड करेति'
(निचू ३ पृ २४३)। भूमिपिसाअ-ताड का वृक्ष (दे ६।१०७) । भूयणा- वनस्पति-विशेष (भ २११२१)। भेंड-१ रूई । २ मिट्टी-'रण्णा भेंडमतो हत्थि कतो' भेंडमतो-रूतमयः
मृण्मयो वा' (दअचू पृ ४७)। ३ वनस्पति-विशेष-'थुल्लसारं भेंडं
एरंडकळं वा' (आचू पृ १५५): भेंडिता-ललकार, आह्वान–'मुंचति य मेंडितातो एक्केक्कं भे निवादेमि'
(बृभा ४६२७)। भेज्ज-भीरु (दे ६।१०७) । भेज्जक-मस्तिष्क (प्रटी प ११) । भेजा (राजस्थानी) । भेज्जलअ--भीरु (दे ६।१०७) । भेड-भीरु (दे ६।१०७)। भेडिगा-जालिकारहित केंचुली-'भेडिगत्ति जालिकारहिता कञ्चुलिकोच्यते'
(आवटि प ६२)। भेडिय-भिडाना, लडाना-'तेणावि कड्ढिऊणालक्खं पिव सूइओ भेडिओ
नियकुक्कुडो' (उसुटी प १६१)। मेणासि-पक्षि-विशेष-'वीरल्ल-सेण-वायस-विहंगभेणासि-चास-वगुलि'
(प्र१६)। भेणी-बहिन-'इमीए सिरिसोमाए भेणीए समप्पिऊण वच्चामि णडं दटुं'
(कु पृ ४६)। भेरुड-१ चीता, चित्रक (दे ६।१०८) । २ निर्विष सर्प । भेलअ-बेडा, नौका (दे ६।११० वृ)। भेली-१ आज्ञा । २ नौका, बेडा। ३ चेटी, दासी (दे ६।११०)। मेल्लिय-मिलाया-'कोस्लेण रपणा ओक्खंदं दाऊण भेल्लियं तं सन्निवेसं'
(कु पृ ६६)। भेल्लिया-नौका (सूचू १ पृ ११८)। भेसुंडिया-सूअर की मादा (ति ९४६) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org