________________
देशी शब्दकोश बुक्क-१ विस्मृत (व्यभा २ टी प २२) । २ छिलका । ३ वाद्य-विशेष । बुक्कण-काक, कौआ (दे ६।६४) । बुक्कण्णय-पासा-'बुक्कण्णएण रमंति' (निचू. १ पृ १७) । बुक्कस-अन्न-विशेष, मूंग-उड़द आदि की नखिका से निष्पन्न भोजन
_ 'मुद्गमाषादिनखिकानिष्पन्नमन्नम्' (उसुटी प १२९) । बुक्का -१ मुष्टि (६।६४) । २ व्रीहिमुष्टि (वृ)। ३ वाद्य-विशेष । बुक्कारिय-पुकारा हुआ (कु पृ७४) । बुक्कास-जुलाहा, तन्तुवाय (आटी प ३२७) । बुक्कासार--भीरु, डरपोक (दे ६।६५) । बुक्किल्ल- गृह-शूर, झूठा शूर (दे ७।८० वृ)। बुण्ण-१ भीत, डरा हुआ। २ उद्विग्न (दे ७१६४ वृ)। बुत्ती-ऋतुमती स्त्री, रजस्वला नारी (दे ६।६४) । बुदिर-भैंस (दे ६।९८ पा)। बुदीर-भैस (दे ६।६८ पा)। बुब्बुय-बकरे की 'बें-बें' आवाज (उसुटी प ५४) । बुलंबुला-बुबुद, बुलबुला (दे ६।६५) । बर-वनस्पति-विशेष (भ ११।१३३)। बेक्किका-शौचक्रिया, शरीरचिन्ता (आवटि प २६)। बेट्टिया-बेटी, राजकन्या (बृभा ४६१५) । बेट्ट–बैठा हुआ-'कहिं उ बेट्ठो कहेति' (आवचू १पृ ३३३)। बेट्ठिय --स्थापित (अंवि पृ २४५) । बेड-नौका (दे ६।६५) । बेडा-नौका (आवदी प ३६)।। बेडिअ-नाविक-'रे बेडिअसुअ ! बोक्कडबोड्डर किं तुज्झ उग्गया बेड्डा'
. (दे ६।६५ वृ)। बेडिका-जहाज, नौका (प्रसाटी प १२५) । बेड्डा-३मश्रु, दाढ़ी-मूंछ (दे ६।९५) । बेबे-बें-बें-ऐसी आवाज, बकरे की आवाज (उशाटी प १३८) । बेभेल-सन्निवेश-विशेष-'बेभेले नाम सण्णिवेसे होत्था' (भ ३।१००)। बेभेलक-फल-विशेष (अंवि पृ ६४) । बेलि-खूटा (बृभा ५८२; दे ६।६५)।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org