________________
देशी शब्दकोश चूड-चूडा, बाहु-भूषण (दे ३॥१८) । चूडलिक-१ उल्का, जलती हुई लकड़ी । २ वंदना का एक दोष ।
(प्रसाटी प ३५) । चूरिम-मिष्टान्न-विशेष (प्रसाटी प ५६) । चूरमा (राजस्थानी) । चलय-चूडा, बाहु-भूषण (उचू पृ १५८) । चूलियंग-संख्या-विशेष (भ ५।१८) । चुलिया-संख्या-विशेष-'चतुरशीति चूलिकाङ्गशतसहस्राणि एका चूलिका'
(जीव ३१८४१ टी प ३४५) । चेच्च-विशेषरूप से जड़ित (जंबूटी प ५५)। चे-बच्चा, बालक (निचू ३ पृ ४०८)। चेड-१ बालक (पिनि ४१; दे ३।१०)। २ लघु, छोटा (व्यभा ३ टी प ७)। चेडरूव-शिशु, कुमार (दश्रुनि ६७)। चेडी–बालिका (आवनि १३६) । चेढ-राज्यकर्मचारी (आवचू १ पृ ४८०)। चेला-१ अनार्य देश में उत्पन्न स्त्री । २ दासी-'चेलाहि ति चेटिकाभिः
अनार्यदेशोत्पन्नाभिर्वा' (औपटी पृ १४५)। चेलिक-वस्त्र (अवि पृ १८) । चेल्प-मुसल (दे ३।११)। चेल्ल-शिष्य (आचू पृ १३३) । चेल्लग-शिष्य (दअचू पृ २१)। चेल्लय--१ शिष्य (आवचू २ पृ ६५) । २ बच्चा-'एगो हत्थी जाए जाए
हत्थिचेल्लए मारेइ' (आवहाटी २ पृ १२८) ।' चेल्ललक-देदीप्यमान–'देशीवचनाद् देदीप्यमानानि' (जीवटी प १७३) । चेल्लिक्क-बालपुत्र-नलदामकोलियस्स य चेल्लिक्कं मक्कोडएण खतितं'
(दअचू पृ २६)। चेवइय-अलंकृत, शोभित (आचूला १५।२८।८) । चोअक-सुगंधित द्रव्य (जंबूटी प ८२)। चोंकण-नोचना-'करेति चोंकण-णत्थण-वाहण-मारणातिगं'
(दअचू पृ १७८)। चोंबग-माया-'चाड-चोंबग-कूडसक्खिसमुन्भावितदुव्वरारंभ'
(दअचू पृ २५५)।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org