________________
१७७
देशी शब्दकोश चुण्णासी-- दासी (दे ३।१६) । चुप्प-स्नेहिल, स्नेहयुक्त (दे ३।१५) । चुप्पल-शेखर, मस्तक की माला, कलंगी (दे ३१६)। चुप्पलिअ-रंगा हुआ नया वस्त्र (दे ३।१७) ।। चुप्पालअ-वातायन, गवाक्ष (दे ३।१७) । चुप्पुडिआ-चुटकी (उशाटी प १०८) । चुप्फुल-शेखर-विशेष, शिरोभूषण । २ असत्य (दे ३।२० पा)। चुन्भल-कलंगी, शेखर (पा ३४६)। चुरु- कृमि-विशेष (अंवि पृ २२६)। चुलचुल-उत्कंठा, गुद्गुदी-तहमोहकम्मपामावियणाए चुलचुलेंत सव्वंगे'
(कु पृ २२१)। चलुक-हाथ के सम्पुट की आकृति वाला जलाशय-विकटाशयो जलाशय',
अमुं च प्रस्तावात् चुलुकमाहुर्वृद्धाः' (भटी पृ १२२७) । चुलुग-चुल्लू-'पसयमिति पसती चुलुगो भण्णति' (निचू २ पृ २२०) । चुलुचुलिअ-स्पन्दित (पा ५५१) । चुलुप्प-बकरा (दे ३३१६) । चुल्ल-१ भोजन (पिनि ३८३) । २ चूल्हा (जीभा १२०५)।
३ छोटा-'चुल्ल शब्दो देश्यः क्षुल्लपर्यायः' (जंबूटी प ६६) । ४ शिशु ।
५ दास (दे ३३२२)। चुल्लक-१ चूल्हा (अंवि पृ २५४) । २ भोजन-'चुल्लको देशयुक्त्या
भोजनम्' (आवदी प १६०)। चल्लग-१ भोजन (भावनि १०७२) । २ बारी-बारी से भोजन-परिपाटी
भोजनम्' (उशाटी प १४५)। चुल्लमाउया-सौतेली मां, विमाता (विपा ११६।१४) चुल्लमातुय-छोटी मां, चाची (अंवि पृ २१६) । चुल्लि -१ चूल्हा (बृभा १९५६; दे ११८७) । २ चूल्हे की अग्नि
(अंवि पृ २५४)। चुल्ली-१ चूल्हा (सूचू १ पृ १२५) । २ शिला, पाषाणखंड (दे ३।१५)। चुल्लोडअ-जेठ, पति का बड़ा भाई (दे ३।१७) । चअ-चूचुक, स्तन का अग्रभाग (दे ३।१८) । चूचु-दूधी (उपाटी पृ २२) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org