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देशी शब्दकोश 'गिल्लि–१ दो पुरुषों द्वारा उठाई जाने वाली पालकी, शिविका
(दश्रु ६।३) । २ अंबाडी, हौदा-'हस्तिनः उपरि कोल्लररूपा या मानुषं गिलतीवेति । लोकभाषायां अंबाडी इति प्रसिद्धा'
(राजटी पृ १७)। गिल्लिरी-जाल-विशेष (विपा ११८।१६) । गिहेलुग-दहलीज, देहली (आचू पृ ३६४) । गिहेलुय-दहलीज (नि १३।६)-'गिहेलुओ उंबरो उ णायव्वो'
(निभा ४२६८)। गुंगुयंत-भय से आकुल-व्याकुल-'ते गुंगुयंता अच्छंति' (उशाटी प १७६) । गंछा-१ बिंदु। २ अधम । ३ मूंछ (दे २।१०१)। गुंजेल्लिअ-पिंडीकृत, एकत्रित किया हुआ (दे २१६२) । गुंठ-१ घोड़ा-'गुंठो घोडगो' (निचू ४ पृ १११) । २ महिष-'गुण्ठो नाम
घोटको महिषो वा' (बृटी पृ ८६४) । ३ मायावी
(व्यभा ४३३ टी प ६६) । ४ दुष्ट घोड़ा (दे २१६१)। गुंठा-माया (व्यभा ४।३ टी प ७०) । गुंठी-नीरंगी, धुंघट (दे २०६०)। गुंड-मुस्ता से उत्पन्न होने वाला 'लचक' नाम का तृण-विशेष (दे २१६१)। गुंदा-१ बिन्दु । २ अधम (दे २।१०१)। गुंपा-१ बिन्दु । २ अधम (दे २।१०१)। गुंफ-गुप्ति, कारावास (दे २।६०)। गुंफी-शतपदी, कनखजूरा (दे २।६१)। गुज्झक्खिणी-स्वामिनी (बृभा ५७०४) । गुट्ठ-स्तम्ब, तृण-काण्ड (उपा २।२१)। गुट्ठी-मित्र-'दो गुट्ठिओ गोट्ठिया वा पवाविता' (निचू ३ पृ २८४)। गट्रीय-मित्र (निच ३ पृ २८४) । गडदालिअ-पिंडीकृत, एकत्रित (दे २।९२) । गडधाना--गुडपपडी-'गुडपर्पटिका लोकप्रसिद्धा गुडधाना' (भटी प ३२६) । गुडोलद्धिआ-चुंबन (दे २०६१) । गणनिया--.व्यायाम-विशेष (ज्ञाटी प २४)। गण्हपय-कृमि-विशेष (अंवि पृ २२६)। गुत्तण्हाण-पितृतर्पण, पितरों को जलांजलि देना (दे २१६३) ।
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