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________________ २६२ सन्निकासिय सपज्जाय सप्प सप्पभ सप्पभ सप्पभ सप्फ सबल सबलीकरण सब्भाव सब्भाव सब्भावदायणा सब्भूय सब्भूय सभाव भिन्न सम समंत ● परिशिष्ट १ समकरण समजोगि समण समण समण समण समण समण समतिच्छ्यि समत्त समत्ता राहण समत्थ समय Jain Education International (रहस्स) ( पृ १४७) (दुमपुफिया) ( सुक्किल ) ( पृ १४७ ) (सेत) ( पदुम) ( पृ १४७ ) ( प डिसेवणा ) ( धम्म ) ( णिच्छय) ( आलोयणा ) (संत) ( सच्च) ( धम्म) (संकीर्ण ) ( आगास त्थिकाय ) ( सव्वओ) ( झोस) (समण ) ( पृ १४८) ( पृ १४८ ) ( भिक्खु ) ( उवसम) ( माहण) ( मुणि) ( अतिवत्त) ( समण ) ( अहिंसा) ( हट्ठ) ( पृ १४८) समय समय समया समर समरवहिय समवतरन्ति समवयन्ति समवाय समागम समागम समाणधम्मिय समायारी समारंभ समारभइ समारम्भ समास समास समास समास समास समास समाहि समाहिबहुल समाहिबहुल समाहिमण समाहिय समिइ समित समित समिति समिद्धि For Private & Personal Use Only सन्निकासिय -समिद्धि (धर्म) (काल) ( सामायिक) ( पृ १४८ ) (रुट्ठ) ( समवयन्ति ) ( ( पृ १४८) (पिंड) . ( संघात ) ( पृ १४८) ( पृ १४८) ( पकप्प) ( संरंभ) ( आरमह ) ( पाणवह) ( सखेव ) ( उस्सय ) (जह ) ( पृ १४६ ) (ओह ) ( ओघ ) ( अहिंसा) ( पव्वइय ) (संजमबहुल ) ( धम्ममण ) ( समण ) ( अहिंसा) ( पृ १४६ ) (वीर) ( संघात ) ( अहिंसा) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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