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जोति-डंड
(आभोगण)
(उव्वत्तेइ)
ठवणी
ज्येष्ठ
२०२ । परिशिष्ट १ जोति
(अग्गि) झोसण जोतिस
(संवत्सर) झोसण जोत्तेज्ज (परिक्कमिज्ज) टिट्टियावेइ जोव्वण
(पृ६५) ठप्प जोव्वणक
(जोव्वण)
ठवणा जोव्वणत्थ
(जुवाण)
ठवणा जोव्वणत्थ
(जोव्वण)
ठवणा
ठवणा जोसिता
(पत्ति)
ठवणा ज्ञा
(ज्ञान)
ठवणिज्ज ज्ञान
(संविद्) ज्ञाप्यते
(साध्यते)
ठविय
(पर) ज्येष्ठावग्रह
ठवेति (प्रथमसमवसरण)
ठाण ज्योत्सना
(चन्द्रिका)
ठाण झंझक
(हत्थिक)
ठाण झपित
(उक्कंपित)
ठाण झवणा
(अज्झयण)
ठाण झवित
(णिप्पीलित)
ठाण झविय
(खामिय)
ठाण झाणपर
(दीण) ठाणद्वित झिज्झा
(लोभ) ठावणा झिल्लिरी
(तिसरा) ठिइ झीण
(पृ६६) ठिइकरण झीण
(णिप्पीलित) ठित झीण
(महव्वय) ठिति झीण
(अतिवत्त) ठिति झुसिर
(तुच्छ) ठिति झुसिर
(आगासस्थिकाय) ठिति झमित
(भग्ग) ठिय झोस
(पृ ६६) डंड
(धारणा) (णिक्खेव) (अणुण्णा)
(अवस्था) (पज्जोसवणा)
(ठप्प) (अवत्था) (मिक्खित्त)
(णिहित) (णिसोहिया)
(पतिट्ठा) (पृ ६६) (पृ ६६) (अचल) (उवसग)
(णाम) (धुवक) (पतिट्टा)
(विहि) (अणुण्णा ) (पृ ६६) (अहिंसा) (पृ ६६) (अवत्था) (पतिद्वा) (सिक्खिय) (पृ ६६)
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