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जायमेय----जोणि
परिशिष्ट १ : २०१
जायमेय जायसंसय जायसढ़ जाल
जाल
जालक
जालन जावंताव जिइंदिय जिण
(लोभ) (मोहणिज्जकम्म)
(पृ६५) (दुब्बल) (पृ ६५) (अतिवत्त) (महव्वय) (महन्वय) (परग्घ)
(कंति) (पृ ६५) (संगाम)
(पिंड) (पत्ति )
जुत्ति
जित
जितकरण जिम्ह जिम्ह
जुम्म
जिय जिव्हिका जीत
(पुट्ट)
जीवियासा (जायसड्ढ) जीवियासा
(पृ ६३) जुइ (मुम्मुर) जंजिय (तिसरा) जुण्ण (मुकुल)
जुण्ण (नयन) जुण्ण (पृ६३) जुण्णवय
(खंत) जुत्तग्घ (अरह)
जुद्ध (पृ ६३)
जुद्ध (माया) (मोहणिज्जकम्म)
जुवति (सिक्खिय)
जुवाण (पृ६४)
जुवाण
जूरइ (बहुजनाचीर्ण)
(ववहार) (जरत्का )
जूह (पृ. ६४)
जेट्ठोग्गह (जीवस्थिकाय)
जेमण (पाण) (पृ ६४)
जेया (स्थिति)
जोग (अणुण्णा)
जोग (पृ ६४) जोग (पृ. ६४)
जोगनिग्गह (पृ ६४) जोग्ग (जीवन) जोग्ग (पाणवह) जोणि
(पृ.६४)
जीत
जूरण
जूस
जीय जीर्णा
(जोव्वण) (दुक्खइ) (दुक्खण)
(रस) (पृ ६५)
(बंभण) (पज्जोसवणा)
(भोयण)
जीव जीव
जेमेति
जीव जीवन जीवन जीववढिपय जीवा जीवाभिगम जीवित जीवित जीवियंतकरण
(जीवत्थिकाय)
(पृ६५) (पृ ६५)
(वक्क) (काउस्सग्ग) (अरिह)
(पभु) (जीवस्थिकाय)
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