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चार
चतुवेद चिकित्साशाला
परिशिष्ट १ । १९७ चतुवेद (बंभण) चलणा
(एजणा) चत्त (ववगत) चलित
(पृ ५८) चत्तदेह -
(पृ ५७) चलिय
(चलित) चलिय
(वहित) चन्द्र
(पृ ५७) (चन्द्रिका)
चवल चन्द्रातप
(उक्किट्ठ) चवल
(पृ ५७) चन्द्रिका
(खद्ध) चवल
(चंचल) चम्मणद्ध
(हिम्मंसक) चवल
(ससंभम) (पिंड) चय
चवल
(सिग्ध) चय
(परिग्गह)
चहित 'चय (काय)
(पृ ५८) चहिय
(पृ ५८) चयंति
(वक्कमंति) चाउम्मासित
(पृ ५८) चयण
(उस्सग्ग) चाएति
(पृ ५८) चयावचइय
(भेउरधम्म) चाण्डाल
(सौकरिक) चयाहि (पृ ५७)
(पृ ५८) (अबंभ) चरत
चार
(पृ ५८) चरक
(समण) चारु
(सुभ) चरण
(पृ ५७) चालिज्जति
(पृ ५८) चरण
(पृ ५७) चालित
(पृ ५६) चरण
(चार) चालित्तए
(पृ ५६) चरण
(चार) चालेइ
(उव्वत्तेइ) 'चरण .
(जीवाभिगम) चाविय
(ववगय) चरणकरणपारविय
(समण) चाहित
(चहित) चरति (पृ ५७) चिंता
(ईहा) चरति
(५८) चितापर
(दीण) चरय (भिक्खु) चिंतित
(इच्छित) चरित्तधम्म (जीवाभिगम) चिंतित
(ऊहित) चरित्तधम्म (पच्चक्खाण) चितिय
(अज्झत्थिय) चरिया (चार) चितेहिति
(पृ ५६) चर्यते (पृ ५८) चिंध
(लिंग) चल
(चलित) चिंधणिप्फण्ण (लिगिय) चल
(अनित्य) चिकित्साशाला (तेगिच्छियसाला)
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