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परिशिष्ट २
दार्शनिक और तात्त्विक चर्चास्थल
विषय
संदर्भ अव्यक्तवाद
शा १६०-१६२ सामुच्छेदिकवाद
शा १६३-१६५ द्विक्रियावाद
शा १६५-१६७ त्रैराशिकवाद
शा १६८-१७२ अबद्धिकवाद
शा १७३-१७८ बोटिक मत
शा १७८-१८१ परमाणु पुदगल की संरचना
चू १६-२१. शा २४-२९ विनय के भेद
शा १६,१७ सन्दर्भ विवरण --- नि-उत्तराध्ययन नियुक्ति गाथा। च-चूणि पृष्ठ । शा-शान्त्याचार्य की बृहवृत्ति पत्र । सु-सुखबोधावृत्ति पत्र ।
नन्दी
अक्षर के स्वपर्याय-परपर्याय
चू ५४,५५. हा ६८,६९. म १९८-२०२ अक्षर पटल
च ५२-५५ अक्षरश्रुत
म १८७-१८९ अनुयोग विधातरगण्डिका आदित्ययश राजा आदि चू ७७-७९. हा ९०-९२. म २४२-२४६ का मुक्तिगमन अन्तीय
म १०२-१०४ अपौरुषेयवचननिरसन
म १६-२४ आत्मा की अस्तित्वसिद्धि और चार्वाक मतनिरसन म ३-७ इन्द्रिय और मन : प्राग्यकारी-अप्राप्यकारी
म १६९-१७३ कालचक्र : छह अर
म १९६, १९७ केवलज्ञान : क्रमोपयोग-युगपद उपयोग आदि हा ३७-४४. म ११२-१३९ क्रियावादी आदि ३६३ मतों की चर्चा
हा ७७-७९. म २१३-२२८ क्षयोपशम विधि : देशसर्वघाती रसस्पर्धक
म ७७-८० क्षुल्लक प्रतर
म ११० जंघाचारण ऋद्धि
म १०६, १०७ ज्ञान के पांच भेदों का हेतु
म ६५-७१ ज्ञान : प्रत्यक्ष परोक्ष प्रमाण और वैशेषिक आदि मत। म ७१-७६ पर्याय : गुरुलघु-अगुरुलघु
चू ५२-५४. प्रमाण : संव्यवहार प्रत्यक्ष
म ७४-७६ बौद्ध मत : नैरात्म्यनिराकरण
म ३४-३९ भाषा : एक समय में लोकांत तक गति
म १८६ मतिज्ञान और श्रुतज्ञान में भेद
म १४०-१४२
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