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तीर्थंकर
संगमकृत उपसर्ग
इन उपायों से महावीर को मारा नहीं जा सकता, लोगों ने बाल-साधु को पकड़ा और पूछा-तुम यहां यह सोच संगम अनुकूल उपसर्ग करने लगा। उसने क्या खोज रहे हो ? सामानिक देवता की ऋद्धि दिखाई और देवविमान में
वह बोला-मेरे धर्माचार्य के पैरों में रात को कांटा स्थित होकर बोला--महषि ! आपकी तपस्या सिद्ध न लग जाए क्योंकि वे रात को सेंध लगाने के लिए आते हो गई है। आप स्वर्ग और मोक्ष की ऋद्धि का वरण हैं। करें।
लोगों ने पूछा-कहां हैं तुम्हारे धर्माचार्य ? उसने प्रभात का निर्माण किया। सब लोग इधर-उधर
बताया। लोग गए । महावीर को देखा। चारों ओर रखे घूमने लगे। उसने महावीर को संबोधित कर कहा
शस्त्र देखे । महावीर को बंदी बनाया, ग्रामाधिपति के अब तक आप यहीं ठहरे हुए हैं। महावीर काल को
पास लाए और फांसी के फंदे पर चढ़ाया। जानते थे। उन्होंने जान लिया कि यह प्रभात स्वा
एक ओर से फंदे की रस्सी टूट गई। इस प्रकार भाविक नहीं, कृत्रिम है । यह संगम कृत बीसवां उपसर्ग
सात बार फंदा बांधा और हर बार फंदे की रस्सी एक था। जब संगम महावीर को विचलित न कर सका तो
सिरे से टूट गई। लौट गया और सोचा कल फिर उपसर्ग करूंगा।
लोगों ने यह बात तोसलि ग्राम के अधिपति क्षत्रिय दूसरे दिन संगम पुनः उपसर्ग करने लगा। प्रभात से कही। होने पर महावीर बालुका ग्राम की ओर गए। संगम ग्राम के अधिपति ने कहा-छोड़ो इसे । यह निर्दोष ने ५०० चोरों का निर्माण कर महावीर को उपसर्ग है। दिए।
महावीर सिद्धार्थपुर ग्राम में गए। वहां भी संगम ने महावीर बालुका ग्राम में गए। वहां भिक्षा के लिए उपसर्ग किया। घूमने लगे।
महावीर व्रजग्राम के गोकूल में गए। उस दिन गांव बालूका ग्राम से सुभूम गए। इन सभी ग्रामों में में उत्सव था। सब घरों में खीर बनाई गई थी। संगम ने उपसर्ग किए।
संगम देव को उपसर्ग करते हए लम्बा समय हो गया । सुभूम से महावीर सुक्षेत्र ग्राम में गए। जब वे महावीर ने सोचा-छह महीने बीत गए हैं। वह भिक्षा के लिए गए तो संगम बहुरूपिए का रूप बना कहीं चला नहीं गया है। उसी समय संगम आया और जोर-जोर से हंसने और गाने लगा। अशिष्ट भाषा उसने भोजन को अनेषणीय बना दिया। बोलने लगा । पीटने लगा।
महावीर ने अपने ज्ञानबल से देखा और भिक्षा किए महावीर मलय ग्राम में गए। संगम ने पिशाच का बिना ही लौट आए, प्रतिमा में स्थित हो गए। रूप बना उपसर्ग किए।
____ संगम ने अपने अवधिज्ञान से देखा कि महावीर के महावीर हस्तिशीर्ष ग्राम में गए। वहां भिक्षा के
परिणाम कुछ भग्न हुए हैं या नहीं? समय संगम ने उपसर्ग किए।
महावीर के परिणाम उतने ही विशुद्ध थे, जितने महावीर तोसलि गए और ग्राम के बाहर प्रतिमा में
छह मास पूर्व । वे छह जीवनिकाय के सभी जीवों का स्थित हो गए। संगम ने बाल साधु का रूप बना यहां । भी उपसर्ग किया।
हितचिंतन कर रहे थे। ___ महावीर मोसलि गए। वहां भी बाल साधु का रूप
संगम यह देख अपने कार्य से निवृत्त हुआ। वह बना उपसर्ग किया।
महावीर को विचलित करने में समर्थ नहीं हआ। उसने महावीर पुनः तोसलि आए। ग्राम के बाहर प्रतिमा सोचा-जो महावीर छह माह तक उपसर्ग करने पर भी में स्थित हो गए। संगम ने बालसाधु का रूप बनाया।
विचलित नहीं हुए, उन्हें दीर्घकाल में भी विचलित नहीं गांव के घरों में सेंध लगाई। इधर-उधर देखा और किया जा सकता। सेंध लगाने के उपकरण महावीर के पास लाकर रख
संगम महावीर के पैरों में गिरा और बोलादिए।
वह सत्य है, वह सत्य है। इन्द्र ने जो कहा, वह सत्य
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