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संपादकीय
एवं मुमुक्षु बहनें, जिनका इसमें यत्किचित् भी उल्लेखनीय सहयोग रहा, उन सबके प्रति मंगलभावना । डॉ. नथमल टाटिया ने कोशग्रन्थ का पारायण कर उस पर विद्वत्तापूर्ण भूमिका लिखी । उनके प्रति हमारी मंगलभावना ।
प्रस्तुत कोश में जिनकी कृतियों का हमने उपयोग किया है, उन सबके प्रति आभार ज्ञापन ।
इस कोश निर्माण में हम यत् किंचित् योगभूत बन सकीं - यह हमारा परम सौभाग्य हैं और उसकी पृष्ठभूमि में वरदहस्त रहा अनुपम त्रिमूर्ति का - गणाधिपति पूज्य गुरुदेव, आचार्यप्रवर एवं महाश्रमणीजी । अनुग्रह से हमारी श्रुतमयी संयमयात्रा विविध आयामों को उद्घाटित करती हुई निर्बाध गति से चले - यही
आशंसा है।
ऋषभद्वार
लाडनूं १-९-९६
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साध्वी विमलप्रज्ञा साध्वी सिद्धप्रज्ञा
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