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काल : जीव- अजीव का पर्याय
कायोत्सर्ग चिकित्सा
काउस्सग्गेण तिमिच्छा अवस्सं कातव्वा चरितादीण उत्तरीकरणादिणा पावकम्मणिग्धातत्वं काउसम्मो कातव्वो दव्ववणो ओसहादीहि तिगिच्छिज्जति । भाववणो संजमातियारो तस्स पायच्छित्तेण तिगिच्छणा । ( आवचू २ पृ २४५, २४६) मुनि को कायोत्सर्ग से चिकित्सा अवश्य करनी चाहिए चारित्र आदि की विशुद्धि के द्वारा पापकर्म को नष्ट करने के लिए कायोत्सर्ग किया जाता है। शारीरिक व्रण ( द्रव्यवण ) की औषधि आदि से चिकित्सा की जाती है | भावव्रण हैं संयम के अतिचार। उनकी चिकित्सा प्रायश्चित्त से होती है।
कार्मण शरीरकर्मवर्गणा से निष्पन्न शरीर । (द्र. शरीर ) कार्मिकी बुद्धिकर्म अभ्यास से उत्पन्न क्षमता । (द्र. बुद्धि) काल-चेतन और अचेतन के परिणमन में हेतुभूत काल्पनिक द्रव्य |
१. काल का निर्वाचन
२. काल की परिभाषा
काल : एक द्रव्य
*
काल अस्तिकाय नहीं
३. काल : जीव-अजीव का पर्याय
४. काल का क्षेत्र - काल- भाव
सूक्ष्म क्या- काल या क्षेत्र ?
५. काल के प्रकार
६. द्रव्य काल (निश्चयकाल)
७. अद्धा काल (व्यवहारकाल)
८. अढाकाल के प्रकार समय शीर्ष प्रहेलिका ..
९. शीर्षप्रहेलिका (गणित) का प्रयोजन
* असंख्य अनंत
२०९
१०. यथायुककाल ११. उपक्रमकाल १२. देशकाल
१३. कालकाल
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(K. HOU) (द्र. अस्तिकाय)
( द्र. संख्या)
१४. प्रमाणका ल
१५. वर्णकाल
१६. भावकाल
* काल: प्रमाण का एक भेद १७. कालप्रमाण के प्रकार ० प्रदेश निष्पन्न
० विभागनिष्पन समय पुद्गलपरावर्त १८. औपमिक काल
* कालप्रतिलेखना }
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काल
(द. प्रमाण )
१. काल का निर्वचन
कलणं पज्जायाणं कलिज्जए तेण वा जओ वत्थु । कलयंति तयं तम्मि व समयाइकलासमूहो वा ॥ ( विभा २०२८ ) जिससे वस्तु के पर्याय का कलन / ज्ञान किया जाता है, वह काल है अथवा समय आदि कलाओं के समूह को काल कहते हैं।
( द्र. कालविज्ञान )
सूक्ष्मामपि कलां कलयति इति कालः । सकलयति भूतानि वा कालः । (उपृ२९) जो सूक्ष्म विभाग का भी आकलन करता है, वह काल है । जो प्राणियों के आयुष्य को पूर्ण करता है, वह काल है।
२. काल को परिभाषा
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वत्तणालक्खणो कालो...*
( उ २८1१०)
वर्त्तन्ते --- भवन्ति भावास्तेन तेन प्रयोजकत्वं वर्त्तना सा लक्षणं
रूपेण तान् प्रति लिङ्गमस्येति वर्तना
लक्षणः कालः ।
( उशाबू प ५६१)
काल का लक्षण है-वर्तना पदार्थ अपने-अपने रूप में रहते हैं, उनके प्रति जो प्रयोजक तत्त्व है, वह है वर्तना ।
३. काल : जीव अजीब का पर्याय
जीवाजीवपज्जायत्तणतो कालस्स णियमा आहेयत्तणतो य अंते अद्धासमयः । ( अनुच पृ ३०) काल जीव और अजीव का पर्याय है। यह आधार नहीं, आधेय है -- जीव-अजीव के आश्रित है । द्रव्यों में यह अंतिम द्रव्य है।
अतः षड्
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