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भाता अभिधानराजेन्द्रः।
भाता वपर्ययो देशश्चोभयपर्यवस्ततोऽसौ , आत्मा चावलव्यं तव्वाई मायाउ य णो आयाउ य ११, देसा पाबति ५, तथा तस्यैव देश आदिष्टोऽसद्भावपर्यवो देश-| दिवा असम्भावपअवा देसे आदितु तदुभयपअवे तिपदेस्तुभयपर्यवस्तताऽसौ नोश्रात्मा चावक्रव्यं च स्यादिति ६,
सिए खंधे णो आयात्रो य अवतव्वं पायाति य णो सप्तमः पुनरात्मा च नोआत्मा चाबक्तव्यं चेत्येवं रूपो न भवति विप्रदेशिके द्वयंशत्वादस्य, त्रिप्रदेशिकादौ तु स्या- आयाति य १२, देसे आदिवे सम्भावपज्जवे देसे श्रादिढे दिति सप्तभनी।
असम्भावपज्जवे देसे आदिढे तदुभयपजवे तिपदेसिए आया भन्ते! तिपदेसिए खंधे अस्ले तिपदेसिए खंधे, खंधे आया य णो आया य अवत्तव्यं याति य णो गोयमा ! तिपदेसिए खंधे सिय आया १. सिय णो
आयाति य १३. से तेणऽद्वेणं गोयमा! एवं बुच्चइ-तिपपाया २, सिय अवत्तव्यं आयाति य णो आयाति य ३,
देसिए खंधे सिय प्राया तं चेव जाव णो आयाति य । सिय आया य णो पाया य ४, सिय आया य णो|
त्रिप्रदेशिकस्कन्धे तु प्रयोदशभङ्गास्तत्र पूर्वोक्नेषु सप्तखामायामो य५, सिय आयात्रो य णो पाया य ६, धाः सकलादेशास्त्रयस्तथैव तदन्येषु तु त्रिषु त्रयस्य एकवसिय माया य अवत्तव्यं आयाति य णो आयाति य ७,
चनबहुवचनभेदात् , सप्तमस्त्वेकविध एव, स्थापना चेयम्
यच्चेह प्रदेशमा सिय पायाइ य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ
येऽप्येकवचनक य८, सिय पायाभो य अवत्तव्यं आयाति य णो श्रा
चित्तत्तस्य प्रदे याति य ६, सिय णो आया य अवत्तव्वं आयाति य शद्वयस्यैकप्रदेहो पायाति य १०, सिय या य अवत्तव्वाई आया- शावगाढत्वादिभो य णो आयाओ य ११, सिय णो आयाओ य अ
हेतुनैकत्वविवक्ष: बत्तव्वं प्रायाति य णो आयाति य १२, सिय पाया
णात् , भेदविवक्षायां च बहुवचनमिति । यणो पाया य अवत्तव्वं श्रायाति य णो आयाति य
___ आया भंते, चउप्पदेसिए खंधे अमे० पुच्छा, गोयमा! १३, से केणऽद्वेण भंते ! एवं बुच्चइ तिपदेसिए खंधे
चउप्पदेसिए खंधे सिय आया १, सिय णो आया २, सिय पाया एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव सिय पाया य
सिय अवत्तव्वं आयाति य णो आयाति य ३, सिय माणो आया य अवत्तव्यं आयाति य णो आयाति य ,
या य णो आया य ४, सिय आया य अवत्तव्वं ४, सिय गोयमा ! अप्पणो अादिढे आया १, परस्स आदिद्वे
णो आया य अवत्तव्वं ४, सिय आया य णो आया य यो आया २, तदुभयस्स आदिद्वे अवत्सब आयाति
अवत्तव्यं आयाति य को प्राति य १६ सिय आया य य णो आयाति य ३, देसे आदिद्वे सम्भावपजवे देसे |
णो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य मादिढे असभावपञ्जवे तिपदेसिए खंधे आया य णो
१७, सिय आया य णो आयाओ य अवत्तव्वं आयाति भाया य ४, देसे आदितु सम्भावपञ्जवे देसा आदिवा य यो आयाति य १८, सिय आयाओ य णो आया य असम्भावपज्जवे तिपदेसिए खंधे आया य णो आयामो अवत्तव्यं आयाति य णो आयाति य १६, से केणऽटेणं य ५, देसा आदिट्ठा सम्भावपज्जवे देसे आदिढे अस-| भंते ! एवं वुच्चइ-चउप्पदेसिए खंधे सिय आया य णो म्भावपज्जवे तिपदेसिए खंधे आयाओ य णो या य ६, आया य अवत्तव्यं तं चेव अढे पडिउच्चारेयव्वं ?, देसे आदिद्वे सम्भावपञ्जवे देसे आदिढे तदुभयपज्जवे गोयमा ! अप्पणो आदिद्वे आया १, परस्स आदिवे तिपदेसिए खंधे आया य अवत्तव्यं अ.याति य णो पाया- णो पाया २, तदुभयस्स आदिद्वे प्रवत्तव्यं आयाति ति य ७, देसे आदिद्वे सम्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा तदुभय- य णो आयाति य ३, देसे आदिद्वे सम्भावपजवे जवा तिपदेसिए खंधे आया य अवत्तव्याई आया उ य देसे आदिद्वे असब्भावपजवे ४ चउभंगो, सम्भावणो आयाउ य ८,देसा आदिवा सम्भावपजवा देसे पजवेणं तदुभएण य ४ चउभंगो, असब्भावणं तदुआदितु तदुभयपज्जवे तिपदेसिए खंधे आयाओ य अ- भएण य ४ चउभंगो, देसे आदिद्वे सम्भावपजवे देसे वत्तव्वं आयाति य णो आयाति यह, एए तिमि भंगा आदिडे असम्भावपञ्जवे देसे आदिद्वे तदुभयपज्जवे देसे आदिढे असम्भावपञ्जवे देसे आदितु तदुभयपज्जवे चउप्पदेसिए खंधे आया य णो आया य अवत्तव्यं आतिपदेसिए खंधे णो आया य अवत्तवं आयाति य णो याति य णो आयाति य १६, देसे आदितु सब्भावपज्जवे मायाति य १०, देसे आदितु असम्भावपज्जवे देसा आ- देसे आदिद्वे असब्भावपज्जवे देसा आदिद्वा तदुभयदिवा तदुभयपजवा तिपदेसिए खंधे णो माया य अव- | पजवा चउप्पदेसिए खंधे भवइ आया य णो माया य
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