________________
जैन आगम : वनस्पति कोश
अवका शब्द से शैवाल का ग्रहण समुचित प्रतीत हो रहा है। यह एक जलीय क्षुप है। (अथर्व चिकित्सा विज्ञान पृ० १५६)
असकण्णी असकण्णी (अश्वकर्णी) शाल भ०७६६ प० १४८।१
अश्वकर्णः (कः) (र्णिका) शालवृक्षे।
अश्वकर्णम् (क्ली०) काण्डभननामास्थि भङ्ग विशेषे। यत्रास्थि अश्वकर्णवदुन्नतं तिष्ठति। (वैधक शब्द सिन्धु पृ० ८६) घोड़े के कान के समान को उठी अस्थि अश्वकर्ण है।
(सुश्रुत निदानस्थान अ० १५ पृ० १७४) अश्वकर्ण के पर्यायवाची नाम
शालस्तु सर्जकाश्विकर्णकाः शस्यशम्बरः।
शाल,सर्ज,कार्य,अश्वकर्णक और शस्यशम्बर ये शाल के पर्यायवाची नाम है। (भाव. नि. वटादिवर्ग. पृ. ५२०) अन्य भाषाओं में नाम -
हि०- साल, राल रालवृक्षा बं०-धूना, सखू, साल, सालवा। बम्ब०-साल। गु०-राल। म०-राल, सजारा, रालवृक्षापं०-साल, सरेल। मध्यप्रदेश-साल, रिजंल।कु०
साल। नेपाल-सकवा। अवध० - कोरोह। उर्दू०-राल। विवरण-वत्सनाभ कुल का इसका वर्षायु कोमल, खडा फा०-लोले मोहरी। ता०-शालम् तैलगू-सालुबा। अं0(सीधा) क्षुप १ से ३ फुट ऊंचा, काण्ड व शाखायें-मांसल, "
H The sal tree (दि शाल ट्री)। ले०- Shorea Rubusta पोली। पत्र धनियां के पत्र जैसे कटावदार, कई खंडो में विभक्त, gaerin (
a fauna gaertn (Pirten tarpei) Fam. Dipterocarpaceae नवसादर या राई के समान तीक्ष्ण गंधयक्त। पष्प १४ मे (डिप्टाकापसा)।
१/३ व्यास के श्वेत या पीली पंखुड़ियों से एवं पीले परागकोषयुक्त, सरसों के पुष्प जैसे। फल हेमंत और शिशिर ऋतु में,लम्बगोलाकार, मृदु रोमश, छोटी पीपल जैसे होते हैं।
(धन्वन्तरि वनौ० विशे० भाग ३ पृ० १८९)
शाख
वाड़यों से,
तुम,लम्बीसा के पुष्प
अवय अवय (अवका) शैवाल
प० १४६ अवका (स्त्री) शैवाल (बृहत् हिंदी कोशा)
अवका नाम हदादिजलेषु स्तबकाकारेण प्ररोहन्ती हरितवर्णाः पदार्थाः शैवालानीत्यर्थः।।
अवका तालाब आदि के जल में समूहबद्ध होकर होने वाला हरितवर्ण द्रव्य है। (अथर्व चिकित्सा विज्ञान पृ० १५६)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org