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जैन आगम : वनस्पति कोश
लम्बे तथा विभिन्न चौड़ाई के (३से १.५ इंच) ऊपर के चिकने अन्य भाषाओं में नामगहरे हरे रंग के एवं सफेद चिन्हों से युक्त नीचे से हल्के रंग हि०-कमल, पुरइन। बं०-पद्म। उडि०-पदम्। म०के या कभी-कभी श्वेत मृदुरोमश नोकीले किन्तु चौड़े पत्र कमल।गु०-कमलाप०-कवलककरी।क०-बिलिया तावरे। के अग्र कुंठित जालिका विन्यास युक्त एवं ३ से ४ मि० मि० ते०-कलावा, तम्मिपुव्वु। ता०-तामरै, अम्बल। मला०लम्बे पर्णवृन्त से युक्त होते हैं। पुष्प छोटे बाहर से हरिताभ तमर। अ०-कातिलुनहल। अ०- Sacred lotus (सैक्रेड किन्तु भीतर बैंगनी रंग के पत्र कोणीय गुच्छों में आते हैं। फली लोट्स)।ले०-NelumbiumspeciosumWilld (नेलंबियम ४ से ६ इंच लम्बी, पतली, गोल दो-दो एक साथ परन्तु स्पेसिओजम् विल्ड) Fam.Nymphaeaceae (निफिएसी)। अपसारी अग्र की ओर क्रमशः संकुचित होती है। बीज ६ से ८ मि० मि० लम्बे अंडाकार आयताकार चिपटे काले रंग के एवं श्वेत रोमगुच्छ से युक्त होते हैं।
(भाव०नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ४२७, ४२८)
अप्फोया अप्फोया (आस्फोता) अनन्तमूल, श्वेतसारिवा
प. १४०।३ विमर्श : प्रस्तुत प्रकरण में आस्फोता शब्द वल्लीवर्ग के अन्तर्गत आया है।
आस्फोतः । पुं। स्वनामख्यातलतागुल्मे। देखें अप्फोता शब्द। (वैद्यक शब्द सिन्धु पृ० १२२)
उत्पत्ति स्थान-यह भारत के सभी उष्ण प्रदेशों में होता
विवरण-यह तालाबों में होने वाला विस्तृत जलीय क्षुप है। इसकी जड़ कीचड़ में फैलती है। पत्र पतले, १ से ३ फुट व्यासके, चक्राकार, चिकने, चमकीले,नतोदरतथा वृन्तगोलायत होते हैं। पत्रनाल- बहुत लम्बा तथा उस पर दूर दूर छोटे-छोटे कांटे होते हैं। फूल एकांकी ४ से १० इंच व्यास में श्वेत या गुलाबी सुगंधित तथा लंबे दंड पर आता है। गर्मी तथा वर्षाकाल में यह फूलते हैं। (भा० नि० पुष्पवर्ग पृ० ४८०)
. अब्भरुह अब्भरुह(अम्भोरुह) कमल
भ. २११२० अम्भोरुह के पर्यायवाची नाम -
पाथो कमलं नभञ्च नलिनाम्भोजाम्बुजन्माम्बुजं। श्रीपद्माम्बुरुहाब्जपद्मजलजान्यम्भोरुहं सारसम्। पङ्कजं सरसीरुहं च कुटपं, पाथोरुहं पुष्करम्।
वार्ज तामरसङशेशय कजे कञ्जारविन्दे तथा ॥१७३॥ शतपत्रं विसकुसुमं सहस्रपत्रं महोत्पलं वारिरुहम्। सरसिज सलिलज पढेरुह राजीवानि वेदवह्निमितानि ॥१७४॥
पाथोज, कमल, नभ, नलिन, अम्भोज, अम्बुजन्मा, अम्बुज, श्रीपद्म, अम्बुरुह, अब्ज, पद्म, जलज, अम्भोरुह, सारस, पङ्केज, सरसीरुह, कुटप, पाथोरुह, पुष्कर, वार्ज, तामरस, कुशेशय, कज,कञ्ज,अरविन्द, शतपत्र, विसकुसुम, सहस्रपत्र, महोत्पल, वारिरुह, सरसिज, सलिलज, पढ़ेरुह तथा राजीव ये सब कमल के चौतीस नाम हैं।
(राज. नि० १०॥१७३ पृ० ३३२)
अयसि कसम अयसिकुसुम (अतसी कुसुम) तीसी के फूल
रा० २६ जीवा० ३।२७९ देखें अयसीपुप्फ शब्द।
अयसी
अयसी (अलसी) तिसी भ. २१।१६ रा० २६ प० १४५।२
देखें अतसी शब्द।
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