________________
जैन आगम : वनस्पति कोश
अत्थि गुम्म (अगस्ति गुल्म) अगथिया गुल्म
जीवा० ३१५८० जं० २११० इसका वृक्ष सजल प्रदेश में लगभग १० से ३० फीट ऊंचाई में बढ़ जाता है। यदि इसे जल न मिले और शीत विशेष हो तो बड़ी मुश्किल से २ से ४ फीट तक बढ़कर ही रह जाता
T
देखें अगत्थि शब्द ।
C
अगुरुपुड
अगुरु (अगुरु) अगर अगुरु के पर्यायवाची नाम -
अगुरु प्रवरं लोहं, राजार्हं योगजं तथा । वंशिकं कृमिजं वापि, कृमिजग्धमनार्यकम् ॥ अगुरु, प्रवर, लोह, राजार्ह, योगज, वंशिक, कृमिज, कृमिजग्ध और अनार्यक ये सब अगर के संस्कृत नाम हैं। (भाव० नि० कर्पूरादिवर्ग पृ० १९४)
पता
Jain Education International
अन्य भाषाओं में नाम हि० - अगर । बं० - अगर काष्ठ, अगरु चंदन । म० - अगर । गु० - अगर। पं० ऊद, ऊदफारसी। अ०-ऊदखाम। कं०कृष्णाअगरु।ता०-कृष्णा अगरु । ते० - कृष्णागरु । अ०-Eagle wood (इगल ऊड)। ले० - Aquilaria Agallocha Roxb (एक्विलेरिया एगेलोचा राक्स), Fam. Thymelacaceae (थाइमेलिएसी) ।
अगर
रा० ३०
-
AQUILARIA AGALLOCHA, ( ROX B )
फूल
उत्पत्ति स्थान - यह पूर्व हिमालय, आसाम, भूटान, खासिया पहाड़ एवं तिलहट आदि प्रान्तों में पाया जाता है।
विवरण- इसका वृक्ष बड़ा ६० से ७० फीट ऊंचा, ५ से ८ फीट व्यास का धारीदार एवं सदा हरित रहता है । लकड़ी मुलायम, हलकी, लचीली श्वेत या हलकी पीताभ श्वेत एवं इसमें कोई विशेष गंध नहीं होती। इसमें वार्षिक वृद्धि के वलय नहीं होते तथा मध्य या छोटे आकार की ३ से ४ अरीय वाहिकाओं की कतारें एवं इनके बीच तन्तुगुच्छों का फ्लोएम (Phloem) रहता है। काष्ठसार अलग नहीं दिखलाई देता । पत्ते विपरीत २ से ४.५ और .८ से २ इंच बड़े आयताकार भालाकार या कुछ दीर्घवृत्ताकार चिकने तथा बहुत छोटे नाल से युक्त होते हैं। पुष्प श्वेत रंग के गुच्छों में आते हैं। फल १.५ से २ इंच लम्बे, अभिअण्डाकार एवं मृदु रोमावृत होते हैं। (भाव० नि० कर्पूरादिवर्ग पृ० १९५ )
अग्घाडग
अग्घाडग (आघाट) अपामार्ग आघाट के पर्यायवाची नाम -
11
प० ११३७१४
अपामार्गः शैखरिकः, शिखरी खरमंजरी । अधः शल्यः क्षारमध्यः, दुर्ग्रहो दुरभिग्रहः ॥१०३२॥ आघाट: किणिही मार्गः, प्रत्यक्पुष्पी मयूरक: । अपामार्ग, शैखरिक, शिखरी, खरमंजरी, अधः शल्य, क्षारमध्य, दुर्ग्रह, दुरभिग्रह, आघाट, किणिही, मार्ग, प्रत्यक्पुष्पी, मयूरक ये सब पर्याय अपामार्ग के हैं।
(कैयदेव. नि० ओषधिवर्ग श्लोक १०३२, १०३३ पृ० १९१) विमर्श - मराठी भाषा में आघाड़ा, गुजराती भाषा में अघेड़ो और मारवाडी भाषा में आंधोझाडो और ओंगा कहते हैं।
For Private & Personal Use Only
अन्य भाषाओं में नाम -
हि० - लटजीरा, चिचिरी, चिरचिरा, चिचडा । म०आघाडा । बं० - आपांग। गु०-अधेडो । क० - उत्तरणी । ते०अपामार्गमु। मा०-आंधोझाडो, ओंगा ।ता० - नायुरुवि । मला०वलियकटलाट । फा० - खारबाझ, गूनइ । अ० - अत्कुमह । अं०The Prichly Chaff flower (दि प्रिक्ली चैफ फ्लावर) । ०- Achyranthes Aspera Linn (एचिरेन्थिस् एस्पेरालिन) Fam. Amaranthaceae ( एमेरेन्थेसी) ।
www.jainelibrary.org