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सुगन्धकः कूर्दमको, महाशालिश्च दूषकः । । ४ । । पुष्पाण्डकः पुण्डरीकस्तथा महिषमस्तकः । दीर्घशुकः काञ्चनको, हायनो लोध्रपुष्पकः ।।५।।
शाल
रक्तशालि, कलम, पाण्डुक, शकुनाहृत, सुगन्धक, कर्दमक, महाशालि, दूषक, पुष्पाण्डक, पुण्डरीक, महिषमस्तक, दीर्घशूक, काश्चनक, हायन और लोध्रपुष्पक ये शालि (चावलों) के जाति भेद हैं। बहुत से देशों में उत्पन्न होने वाले अनेक प्रकार के होते हैं ।
(भाव०नि०धान्यवर्ग० पृ०६३५)
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सिउढि
सिउढि (सिहुण्ड) कांटा,
शादीशान
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पुष्प
थूहर
भ०७/६६ : २३/२ प०१/४८/१
'सीहुण्डः - सिहुण्डः दूधियो थोर
(अभिधान चिंतामणि श्लोक ११४० पृ०२६१) सीहुण्डः - पुं. वनस्पति० स्नुही । निवडुंग त्रिधारी (आयुर्वेदीय शब्दकोश पृ० १६११)
सिहुण्ड - पुं । स्नुहीवृक्ष
(शालिग्रामौषधशब्दसागर पृ० १६८)
जैन आगम वनस्पति कोश
विमर्श - संस्कृत के सिहुण्ड शब्द में ह का लोप होकर प्राकृत में सिउंड - सिउंढ - सिउंढि शब्द बना है । आर्ष प्राकृत व्याकरण से ह का लोप नहीं होता है, फिर भी प्राकृत में हो जाता है।
कोटे
शीस्त
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पुष्प
सीहुण्ड के पर्यायवाची नाम
स्नुह्यां वज्रो महावृक्षोऽसिपत्रः स्नुक् सुधा गुडा ||४६ ।। समन्तदुग्धा सीहुण्डो गण्डीरो वज्रकण्टकः । । स्नुहि, वज्र, महावृक्ष, असिपत्र, स्नुक्, सुधा, गुडा, समन्तदुग्धा, सीहुण्ड, गण्डीर, वज्रकण्टक ये सब थोहरी के नाम हैं । ( निघंटुशेष श्लोक पृ०३०.३१) अन्य भाषाओं में नाम
हि० - सेहुण्ड, सेण्ढ, थूहर, थोर, छोटा थूहर, कांटा थूहर । म० - बई, निवडुंग, साबरकांड, कांटेथोर । गु०-थोर, डींडुलीयो, कांटली, भंगुराथोर । बं० - मनसासीज । अंo - Common Milk hedge ( कामन मिल्क हेज ! ले० - Euphorbia nerifolia (युफोर्बिया राइफोलिया) ।
उत्पत्ति स्थान - यह प्रायः समस्त भारतवर्ष में
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