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________________ जैन आगम : वनस्पति कोश Kokambutter tree (कोकमबटर ट्री) । ले०-Garcinia Putpuria (गारसीनिया पटप्युरिया)। Garcinia indica chois. कोकम पुष्प फल शाख उत्पत्ति स्थान- कोंकण, कनारा आदि दक्षिण प्रान्तों में यह पाया जाता है। विवरण- इसका वृक्ष छोटा होता है, शाखाएं झुकी हुई रहती हैं। पत्ते अंडाकार, आयताकार, भालाकार, २.५ से ३.५ इंच लम्बे, डेढ इंच चौड़े और ऊपर से गहरे हरे किन्तु नीचे से हलके रंग के होते हैं। फल गोल एक से डेढ इंच व्यास के तथा पकने पर जामुनी लाल रंग के होते हैं, जिनमें ५ से ८ बड़े-बड़े बीज होते हैं। बीज निकाले हुए सुखाए हुए फल को अमसूल या कोकम कहा जाता है। बीजों से तेल निकलता है जो मोम जैसा जम जाता है। इसे कोकम का घी या तेल कहते हैं। कोकम का स्वाद मधुराम्ल रहता है तथा इसको खटाई के लिए लोग काम में लेते हैं। (भाव० नि० आम्रादि फलवर्ग पृ० ६००) अंबिलसाय अंबिलसाय (अम्लशाक) चूकाशाक पत्र अम्लाक के पर्यायवाची नाम - भ० २०२० प० ११४४१२ Jain Education International चुक्रं तु चुक्रवास्तूकं, लिकुचं चाम्लवास्तुकम् । दलाम्लमम्लशाकारव्यमम्लादि हिलमोचिका |||१२४/ चुक्र, चुक्रवास्तूक, लिकुच, अम्लवास्तुक, दलाम्ल, अम्लशाक, अम्लादिशाक तथा हिलमोचिका ये चूकाशाक के नाम हैं। (राज० ७ १२४ पृ० २१०, २११ ) अन्य भाषाओं में नाम - हि० - चूकाशाक | बं० - चुका, पालंग । म० चुका, आंवट चुका। गु० - चुको, खारीभाजी । क०- -हुलीचको । फा०तुरश्क बड़ा, तुर्रेखुरासानी, तरह हिरासाई । अ० - हुम्माज, बुक्लेहा मेजा, बुल्फ येह मिज़ई । अ० - Bladder dock (ब्लॅडर डॉक) । ले० - Rumex Vesicarius (रुमेक्स वेसिकेरियस्) । Fam. Polygonaceae (पॉलिगोनेसी) । शास्त्र For Private & Personal Use Only 7 फल पत्र फलकाट उत्पत्ति स्थान - समस्त भारतवर्ष में प्रायः चूका के लगाए हुए अथवा कहीं-कहीं स्वयंजात भी पौधे मिलते हैं। विवरण- चूका के ६ से १२ इंच ऊंचे वर्षायु क्षुप होते हैं, जो पाण्डुरहित, किंचित् मांसल और मूल के पास से ही द्विविभक्त होते हैं। पत्तियां लम्बे वृन्तवाली रूपरेखा में अण्डाकार - लट्वाकार, लट्वाकार या आयताकार १ इंच से ३ इंच लम्बी और उनका फल कमलकुन्तवत् स्फानवत् या हृद्वत् होता है। पुष्पमंजरी १ इंच से १.५ इंच लम्बी अग्राभिमुख होती है। पुष्पों के भीतर के पौष्पिक पत्र बड़ी झिल्ली की तरह पतले सफेद या गुलाबी दोनों सिरों पर www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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