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जैन आगम : वनस्पति कोश
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नीप, प्रावृषेण्य तथा कदम्ब ये सब धाराकदंब के नाम यह कृष्ण, श्वेत, पीत तथा लोहित वर्ण विशेष से
(राज०नि०६/६६/ पृ०२८४) चार प्रकार का होता है। (राज0 नि० वर्ग०१०/११८ पृ०३२०) अन्य भाषाओं में नाम
विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण में यह नीले रंग की उपमा हि०-हल्दु । म०-धारा कदम्दु । कं०-धारेयकइड। के लिए व्यवहृत हुआ है। तै०-मोगुलुकोई मि। गो०-केलिकदम्ब । (राज०नि०पृ०२८४)
णीलासोग उत्पत्ति स्थान-यह हिमालय के निचले भागों में
णीलासोग (नीलाशोक) नव पल्लव वाला कच्चा नेपाल से पूर्व की तरफ वर्मा तक तथा दक्षिण में उत्तरी
अशोक सरकार तथा पश्चिमी घाट में होता है। सभी स्थानों पर
रा०२६ बागों में लगाया हआ भी पाया जाता है।
देखें नीलासोय शब्द । विवरण-कदम्ब का वृक्ष ४० से ५० फीट ऊंचा, बड़ा और छायादार होता है। पत्ते महवे के पत्तों के समान,
णीलासोय लम्बाई युक्त, अंडाकार, ५ से ६ इंच लम्बे होते हैं। इन णीलासोय (नीलाशोक) नव पल्लव वाला कच्चा पर सिरायें बहुत स्पष्ट होती हैं। पुष्पगुच्छ १ से २ इंच
अशोक
जीवा०३/२७६ के घेरे में, गोलाकार नारंगी रंग के अनेक पुष्पगुच्छ होते
देखें नीलासोय शब्द। हैं और उनसे विशेष कर रात्रि में सुगंध आती है। फल कच्चे में हरे और पकने पर फीके नारंगी रंग के, १ से
णीलुप्पल इंच व्यास में गोल तथा मधुराम्ल होते हैं। (भाव०नि० पुष्पवर्ग०पृ०४६६) णीलुप्पल (नीलोत्पल) नीलकमल ।
रा०२६ जीवा० ३/२७६ प० १७/१२४ णीलकणवीर
नीलोत्पल के पर्यायवाची नामणीलकणवीर (नीलकणवीर) नीले पुष्पों वाला
नीलोत्पलं कुवलयं, नीलाब्जमसितोत्पलम् १४४६
इंदीवरं च कालोड़यं, कज्ज्लं काककुड़मलम्।। कनेर रा०२६ जीवा३/२७६५०१७/१२४
नीलोत्पल, कुवलय,नीलाब्ज, असितोत्पल, इंदीवर, विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण में नीले रंग की उपमा के
कालोड्य, कज्जल, काककुड्मल ये पर्याय नीलोत्पल के लिए णीलकणवीर शब्द का प्रयोग हुआ है। राजनिघंटु
(कैयदेव० औषधिवर्ग पृ०२६८) (१०/१६ पृ०३००) में कनेर के चार प्रकारों का उल्लेख
देखें अब्भोरुह शब्द। मिलता है "यह (कनेर) चार प्रकार (श्वेतकनेर, लालकनेर, पीतकनेर तथा कृष्ण कनेर) का होता है और गुण में
णीव समान है। लेकिन नील कणवीर का कहीं उल्लेख नहीं मिलता है।
णीव (नीप) कदम्ब ओ०६ जीवा०३/५८३
देखें णीम शब्द। णीलबंधुजीव णीलबंधुजीव (नील बंधुजीव) नीला गुलदुपहरिया
णीह _रा०२६ जीवा०३/२७६ प० १७/१२४ णीहु (स्निहू) तिधारा थोहर, विलायती थोहर असितसित पीललोहित पुष्प विशेषाच्चतुर्विधो बन्धूकः
भ०७/६६:२३/२ प०१/४८/१ उत्त०३६/६८
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