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जैन आगम : वनस्पति कोश
(धन्व०नि० १/२७८ पृ० ६६) लम्बे एवं नोकदार होते हैं। पत्र और शाखा के मध्य तीक्ष्ण अन्य भाषाओं में नाम
नोंक वाले, बबूल के कांटे जैसे लम्बे जोड़ों से निकलते हि०-पीली कटसरैया, पीला पियावांसा, झिण्टी। हैं। पुष्प वर्षा व शीतऋतु में विशेषतः कार्तिक मास से म०-पीवला कोरण्टा, कालसुंद। गु०-कांटा सेरियो, ही फूलना शुरू होते हैं। ये छोटे-छोटे किंचित् घण्टाकार पीलो कांटारियो। ब०-पीतझांटी गाछ, कांटाझांटी। कुछ लालिमायुक्त पीले वर्ण के होते हैं। फल बीजकोष ले०-Barleria Prionitis (बरलेरिया प्रायोनिटिस)। या डोडी भी कांटों से युक्त १ इंच लम्बी और चिपटी
होती है। प्रत्येक बीजकोष में २-२ बीज चिपटे अंडाकार होते हैं ये बीजकोष प्रारंभ में हरे रंग के, पकने पर भूरे वर्ण के हो जाते हैं।
(धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग २ पृ० ४६,४७)
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कोरंटय गुम्म कोरंटय गुम्म (कुरण्टकगुल्म) पीले पुष्प वाली कटसरैया का गुल्म जीवा० ३/५८० ज० २/१०
विमर्श-इसका क्षप २ से ५ फीट तक ऊंचा होता है। इसलिए इसे गुल्म कहा गया है।
देखें कोरंटय शब्द।
कोरेंटग कोरेंटग (कुरण्टक) पीले पुष्प वाली कटसरैया। देखें कोरंटय शब्द ।
भ० २२/५ उत्पत्ति स्थान-इसके क्षुप उष्णपर्वतीयप्रदेशों में अधिक होते हैं। पंजाब, बम्बई, मद्रास, आसाम, लंका,
कोरेंटमल्लदाम सिलहट आदि प्रान्तों में विशेष पाये जाते हैं। सबके क्षुप एक समान २ से ५ फीट तक ऊंचे होते हैं। इसके
कोरेंटमल्लदाम (कुरण्टकमाल्यदामन्) पीले बहुशाखी क्षुप प्रायः सर्वत्र बाग बगीचों की बाड़ों में, खेतों फूलवाली कटसरैया की माला। प० १७/१२७ के किनारे इत्यादि स्थानों पर देखे जाते हैं।
विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण में पीले रंग की उपमा के विवरण-यह पुष्प वर्ग की वनौषधि है। यह पुष्पभेद लिए 'कोरेंट मल्लदाम' शब्द का प्रयोग हुआ है। कुरण्टक से पीला, नीला या बेंगनी, श्वेत और लाल, चार प्रकार पीले फूल वाली कटसरैया को कहते हैं। का होता है। इनमें से पीली फूलवाली कटसरैया
"पीतः कुरण्टको ज्ञेयः' धन्व०नि० १/२७६ पृ० ६६ (पियावांसा) प्रायः सर्वत्र प्राप्त होती है। औषधि प्रयोगों
पीले फूलवाली कटसरैया को कुरण्टक कहते हैं। में इसी का विशेष उपयोग किया जाता है। शेष तीन प्रकार की कटसरैया भी प्रयत्न करने से प्राप्त हो सकती
कोसंब है। २००० फीट की ऊंचाई पर ये विशेष पाये जाते हैं। कोसंब (कोशाम्र) कोसम जंगली आम शाखाएं मूल से निकलती हैं। पत्र आरंभ में छोटे
भ० २२/२ जीवा० १/७१ प० १/३५/१
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