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लेश्या - कोश
चैव अपणा उक्कोसकालट्ठिइओ जाओ, आदिल्लगमगसरिसा तिन्नि गमगा यव्वा x x x - प्र० ७ । ग० ७-६ ) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएं होती हैं । (देखो पाठ ५८ २१*१) - भग० श २४ । उ २४ । सू ३-७ । पृ० ८४६
*५८ २२२ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में-
गमक- १-६ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि के जीवों से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ संखेज्जवासाउयसन्निपंचिंदिय० ? संखेज्जवासाउयस्स जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणस्स तहेव णव वि गमगा x x x सेसं तं चेव ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्याएँ, मध्यम के तीन गमकों में चार लेश्याएँ तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याएं होती हैं । ( देखो पाठ ५८८३ )
- भग० श २४ | उ २४ । सू८ । पृ० ८४६ *५८ २२३ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्मकल्प देवो में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक–१–४, ७-६ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्मकल्प देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असंखेज्जवासाज्यसन्निमस्से णं भंते! जे भविए सोहम्मकप्पे देवत्ताए उववज्जित्तए० ? एवं जहेव असंखेज्जवासाउयस्स सन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स सोहम्मे कप्पे उववज्जमाणस्स तहेव सन्त गमगा x x x । सेसं तहेव निरवसेसं । ) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएँ होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २२.१ )
- भग० श २४ । उ २४ । सू १० | पृ० ८४६ '५८२२४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक - १ - ६ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सोधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीव है ( जइ संखेज्जवासाज्यसन्निमणुस्सेर्हितो ० ?
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