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लेश्या-कोश णव गमगा जहेव तेउक्काइयाणं x x x ) उन में नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती है ( •५८ १० ३ )।
-भग० श २४ । उ १२ । सू १७ । पृ० ८३१ .५८ १०.५ वनस्पतिकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों से उत्पन्न होने योग्य
जीवों मेंगमक-१-६ वनस्पतिकायिक योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ वणस्सइकाइएहिंतो उववज्जंति० ? वणस्सइकाइयाणं आउकाइयगमगसरिसा णव गमगा भाणियव्वा ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती है ( देखो .५८.१०.२-५८.१०.१ )।
-भग० श २४ । उ १२ । सू १८ । पृ. ८३१ .५८ १०.६ द्वीन्द्रिय से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में___ गमक-१-६ द्वीन्द्रिय से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( बेईदिए णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु उववजित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० x x x तिनि लेस्साओ xxx-प्र २०-२१ । ग० १। सो चेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नो एस चेव वत्तव्वया सव्वा-प्र० २२ । ग० २। सो चेव उक्कोसकालटिईएसु उववन्नो एस चेव बेइदियस्स लद्धी-प्र० २३ । ग०३। सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठिईओ जाओ, तस्स वि एस चेव वत्तव्वया तिसु वि गमएसु xxx -प्र० २४ । ग०४-६। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालटिईओ जाओ, एयस्स वि ओहियगमगसरिसा तिन्नि गमगा भाणियव्वा xxx-प्र०२५ । ग० ७-६ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । सू २०-२५ । पृ० ८३२ '५८.१०७ त्रीन्द्रिय से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न योने योग्य जीवों में
गमक-१-६ त्रीन्द्रिय से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (जइ तेइ दिएहिंतो उववज्जति० एवं चेव नव गमगा भाणियव्वा xxx ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं ( देखो .५८ १०.६ ) ।
-भग० २४ । उ १२ । सू २६ । पृ० ८३३
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