________________
( 30 )
३—कोई श्रमण माहण की अत्याशातना करने पर श्रमण और देव कुपित हो तेजोलेश्या फेंक उसे परितप्त करते हुए उसे भस्म करते हैं ।
४ – कोई व्यक्ति तथा रूप तेजोलब्धि सम्पन्न श्रमण- माहण की अत्याशातना करता है । तब वह अत्याशातना से कुपित होकर उस पर तेज फेंकता है । तब उसके शरीर में स्फोट ( फोड़े ) उत्पन्न होते हैं । वे फूटते हैं और फूटकर उस तेज से भस्म कर देते हैं ।
५ - श्रमण- माहण को अत्याशातना करने वाले पर देव कुपित हो तेज फेंकता है । उससे स्फोट होते हैं । उनके फूटने पर तेज से भस्म होता है ।
-श्रमण-माहण की अत्याशातना करने वाले पर श्रमण माहण और देव कुपित हो तेज फेंकते हैं । उससे स्फोट होते हैं । उसके फूटने पर तेज से भस्म होता है ।
७- कोई व्यक्ति तथा रूप तेजोलब्धि सम्पन्न श्रमण - माहण की अत्याशातना करता है | तब वह अत्याशातना से कुपित होकर, उस तेज को फेंकता है, तब उसके शरीर में स्फोट उत्पन्न होते हैं । वे फूटते हैं । उनमें पूल ( फुंसिया ) निकलती है । वे फूलती है और फूटकर उसे तेज से भस्म कर देती है ।
८ - श्रमण-माहण की अत्याशातना करने वाले पर देव कुपित हो तेज फेंकता है । उससे स्फोट उत्पन्न हो फूटते हैं । फिर उसमें फुंसियां निकलती है । उसके फुटने पर वह तेज से भस्म होता है ।
६- श्रमण - माहण की अत्याशातना करने पर श्रमण व देव कुपित हो तेज फेंकते हैं । उससे स्फोट उत्पन्न हो फूटते हैं फिर उसमें से फुंसियां निकलती है । उसके फूटने पर वह तेज से भस्म होता है ।
-श्रमण माहण की अत्याशातना करता हुआ उस पर तेज ( तेजोलेश्या ) फेंकता है। तेज उसमें प्रविष्ट नहीं होता । प्रदक्षिणा कर पुनः फेंकने वाले के पास चला जाता है । उस तेज से फेंकने वाला ही भस्म होता है ।
१०
0
बहुत से साधकों को यह शक्ति प्राप्त नहीं होती । और जिन्हें यह तेजो लेश्या प्राप्ति होती है उनमें भी परस्पर बहुत तरतमता रहती है । किसी साधु को भस्म करने की शक्ति प्राप्त है और किसको नहीं ।
आपने जिस साधु को सामान्य समझा, बहुत सम्भव है, वह सामान्य हो, विशिष्ट लब्धि सम्पन्न हो । इस स्थिति में यदि आपने उसकी अवज्ञा / आशातना
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org