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________________ लेश्या-कोश .१६ ६ गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में गब्भवक्कंतिय पंचेंदियतिरिक्ख जोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! छल्लेस्साकण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा। -पण्ण० प १७| उ २। सू१३ । पृ० ४३८ गर्भज तिर्यंच पंचेन्द्रिय में ६ लेश्या होती है । •१६ ७ गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय (स्त्री ) मेंतिरिक्खजोणिणीणं पुच्छा। गोयमा ! छल्लेस्सा एयाओ चेव । -पण्ण० प० १७ । उ २ । सू० १३ । पृ० ४३८ तिर्यञ्च योनिक स्त्री ( गर्भज तिर्यञ्च) में छः लेश्या होती है। १६.८ जलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय मेंगब्भवतिय पंचेंदियतिरिक्खजोणिया ४ जलयरा xx छल्लेस्साओ। -जीवा० प्रति १ । सू३८ । पृ० ११५ गर्भज जलचर तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में छः लेश्या होती है। .१६ ६ स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में चतुष्पाद स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में (क) गब्भवक्कतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया x x थलयरा x चउप्पया x जहा जलयराणं । -जीवा० प्रति १। सू३८| पृ० ११६ चतुष्पाद स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में ६ लेश्या होती है । उरपरिसर्प स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में-- (ख) गब्भवक्कन्तियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया xx थलयरा x परिसप्पा x उरपरिसप्पा-जहा जलयराणं । -जीवा० प्रति १ । सू०३८ । पृ० ११६ उरपरिसर्प स्थलचर गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय में छः लेश्या होती है। भुजपरिसर्प स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में (ग) गम्भवतियपंचेंदियतिरिक्ख जोणिया x x थलयरा परिसप्पा x भुयपरिसप्पा-जहा उरपरिसप्पा । -जीवा० प्रति १। सू ३८ । पृ० ११६ भुजपरिसर्प स्थलचर गर्भज तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में छः लेश्या होती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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