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( 75 ) विषय (ख) ग्यारहवें चातुर्मास - वैशाली में(ग) हरि नामक विद्युतकुमार के इन्द्र का आगमन(च) श्रावस्ती में शक्रेन्द्र का आगमन (छ) केवलज्ञान-केवलदर्शन की उत्पत्ति के अवसर पर ___ज्योतिषी देव का इन्द्र-चन्द्रदेव का आगमन (ज) ज्योतिषी देव का इन्द्र-सूर्यदेव का(झ) ज्योतिषी देव-शुक्र महाग्रह का (अ) सौधर्म देवलोक से-बहुपुत्रिका देवी का (ट) सौधर्म देवलोक से–पूर्णभद्र देव का (ठ) सौधर्म देवलोक से- मणिभद्र देव का (ड) सौधर्म देवलोक से श्रीदेवी का (द) चमरेन्द्र का आवागमन .३ भगवान महावीर के निकट चमरेन्द्र का आवागमन
शकेन्द्र वज्र से भयभीत बना हुआ चमरेन्द्र का आवागमन २ चमरेन्द्र का आगमन ६४ हजार सामानिक देवों के साथ (ण) शक्रेन्द्र का आवागमन
वज्र को ग्रहण करने के लिए-आवागमन .१४ लोकांतिक देवों का सम्बोधन हेतु-आगमन .१५ महाशुक्र विमानवासी अमायी सामानिक देवों का
महाशुक्र देवलोक के महासर्ग विमान से दो देवों का
भगवान महावीर के समय के देव विशेष .१६ काली देवी .१७ राजी देवी .१८ शुभा .१६ इला देवी .२० कमला देवी-पिशाच कुमारेन्द्र की अग्रमहिषी .२१ सूरप्रभा देवी (सूर्य की देवी) .२२ चन्द्रप्रभा देवी (चन्द्र की देवी) .२३ पद्मावती देवी (शकेन्द्र की अपमहिषी) .२३ कृष्णादेवी (ईशानेन्द्र की अग्रमहिषी) .७ भगवान महावीर के सम-सामयिकी घटना .१ परिषद् में श्रेणिक-चेल्लणादेवी को देखकर
साधु-साध्वियों द्वारा निदान
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