________________
१४७
१४६ १५०
१५१ २५१ १५२ १५२ १५२
१५३ १५३
१५४ १५४
( 1 ) विषय
गौतम का स्नेह केवलज्ञान में बाधक •२ जंबूस्वामी-एक प्रसंग .३ इस अवसर्पिणी काल के जंबूस्वामी अन्तिम केवली .५ सर्वज्ञ अवस्था के वर्धमान स्वामी के विहार स्थल .१ सुरभिपुर पधारे .२ सुरभिपुर से विहार कर पोतनपुर पधारे .३ साकेतनगर में .४ हस्तिनापुर में .५ उल्लुकतीरनगर में .६ मृगाग्राम में .७ पुरिमताल नगर में .८ साहजनी नगरी में .६ पाटलिषंड नगर में .१० रोहीतक नगर में .११ वर्धमानपुर नगर में .१२ आमलकल्पानगरी में .१३ राजगृह से कृतंगला नगरी पदार्पण
(तेइसवां वर्ष- आर्य स्कंधक के समय में) १४ वाणिज्य ग्राम में
(सुदर्शन श्रमणोपासक के समय में)
भगवान महावीर के विहार स्थल का तीसवां वर्ष .१५ मिथिला नगरी में .१६ अन्यान्य देशों में विहार (ख) तीर्थ कर काल का प्रथम वर्ष का विहार (ग) पोलासपुर नगर से विहार (घ) देश, पर्वत, नगरादि में विहार (च) अन्यान्य ग्राम-नगर आदि में विहार (छ) उदयन राजा की दीक्षा के बाद विहार (ट) राजगृह से अन्यत्र विहार (8) दर्शाणनगर से अन्यत्र विहार (ड) राजगृह से अन्यत्र विहार (ढ राजगृह से-अभयकुमार की दीक्षा के बाद विहार (ण) भगवान का चम्पा से विहार (त) वाणिज्यग्राम से भगवान का विहार
१५५ १५५ १५६
१५६
४
१६०
१६१ १६१
१६२
१६२
१६४
१६४ १६४
१६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org