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(३१. ) सूरियाभं विमाणं पंचवण्णसुरभिमुक्कपुष्फपुंजोधयारकलियं करेंति, अप्पेगतिया देवा सुरियाभं विमाणं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूषमघमघतगंधु याभिरामं करेंति, अप्पेगड्या देवा सूरियाभं विमाणंसुगंधगंधियं गंधषटिभूतं करेंति,अप्पेगतिया देवा हिरण्णवासं वासंति,सुवण्णवास वासंति,रययवासंघासंतिवारपासं० पुप्फवासं० फलवासं० मल्लवासं० गंधवासं० चुण्णवासं० आभरणवासं पासंति, अप्पेगतिया देवा हिरण्णविहिं भाएंति, एवं सुवन्नविहिं भाएं ति, रयणविहि पुष्फविहिं फलविहि मल्लविहिं चुण्णविहिं पत्थविहिं गंधविहि० तत्य अप्पेगतिया देवा आभरणविहिं भाएंति, अप्पेगतिया चउव्यिहं पाइत्त पाईति-ततं विततं घणं [पृ० १४४ पं० ३] मुसिर, अप्पेगइया देवा बउब्धिहं गेयं गायति, तं०उक्वित्तायं पायत्तायं मंदायं [पृ० १४४ पं०४ा रोइतापसाणं, अप्पेगतिया देवा दुर्य नट्टविहिं उवदंसिति अप्पेगतिया विलंबियणट्टविहिं उपदसेंति, अप्पेगतिया देवा दुतविलंबियं णट्टविहिं उपदंसेंति, एवं अप्पेगतिया अंचियं नदृषिहिं उवदंसेंति, अप्पेगतिया देवा आरभडं भसोलं आरभडभसोल उप्पायनिषायपवत्तं संकुचियपसारियं रियारियं भंतसंभंतणामं [क० ८३-८७] दिव्वं णट्टविहि उवदंसें ति, अप्पेगतिया देवा चउम्विहं अभिणयं अभिणयंति, तंजहा-विहतियं पाडंतियं सामंतोवणिवाइयं [कं० ८८] लोगअंतोमज्झावसाणिय, अप्पेगतिया देवा बुक्कारेंति, अप्पेगतिया देवा पीणेति, अप्पेगतिया लासेंति अप्पेगतिया हक्कारेंति, अप्पेगतिया विणंति, तंडवेंति, अप्पेगहया वग्गंति अप्फोडेंति, अप्पेगतिया अप्फोडेंति वग्गंति, अप्पे० तिघई छिदंति, अप्पेगतिया हयहेलियं करेंति, अप्पेगतिया हस्थिगुलगुलाइयं करेंति, अप्पेगतिया रहघणघणाश्य करेंति, अप्पेगतिया हयहेसिय-हत्थिगुलगुलाइय-रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगतिया उच्छलेंति, अप्पेगतिया पोच्छलेंति, अप्पेगतिया उक्किट्टियं करेंति, अ० उच्छलेंति पोच्छलैंति, अप्पेगतिया तिन्नि वि, अप्पेगतिया उघयंति, अप्पेगतिया उप्पयंति, अप्पेगतिया पवियंति, अप्पेगइया तिन्निवि, अष्पेगरया सीहनायंति, अप्पेगतिया दहरयं करेंति, अप्पेगतिया भूमियवेडं वलयंति, अप्पे० तिम्नि घि, अप्पेगतिया गज्जति, अप्पेगतिया विज्जुयायंति, अप्पेगइया घास घासंति, अष्पेगतिया तिन्निवि करेंति, अप्पेगतिया जलंति, अप्पेगतिया तवंति, अप्पेगतिया पतवेंति, अप्पेगतिया तिन्नि वि, अप्पेगतिया हक्कारेंति, अप्पेगतिया थुक्कारेंति, अप्पेगतिया धक्कारेंति, अप्पेगतिया साई साईनामाई साहेति, अप्पेगतिया चत्तारि वि, अप्पेगइया देवा देवसन्निवार्य करेंति, अप्पेगतिया
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