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छत्तीसवां वर्ष
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उनचालीसवां वर्ष विदेह जनपद मिथिला
कौशल जनपद पांचाल जनपद सूरसेन जनपद साकेत कांपिल्यपुर सौर्यपुर मथुरा नंदीपुर विदेह जनपद मिथिला
चालीसवां वर्ष विदेह जनपद मिथिला
इकतालीसवां वर्ष मगध जनपद
राजगृह
सैंतीसवां वर्ष
वयालीसवां वर्ष
राजगृह
मगध जनपद राजगृह
पावा
अड़तीसवां वर्ष
मगध चनपद राजगृह नालंदा
इसके अतिरिक्त :वैशाली अहिच्छत्रा राजपुर नंदीपुर
भगवान महावीर के तीर्थ में तीर्थकर गोत्र बांधने वाले नौ व्यक्ति हुए हैं--
(१) श्रेणिक-ये मगध देश के राजा थे। इनका विस्तृत विवरण निरयावलिका सूत्र में प्राप्त है । ये आगामी चौबीसी में पद्मनाभ नाम के प्रथम तीर्थकर होंगे।
(२) सुपार्श्व- ये भगवान महावीर के चाचा थे। इनके विषय में विशेष जानकारी प्राप्त नहीं है । ये आगामी चौवीसी में सूरदेव नाम के दूसरे तीर्थकर होंगे।
(३) उदायी-यह कौणिक का पुत्र था। उसने अपने पिता की मृत्यु के बाद पाटलीपुत्र नगर बसाया और वहीं रहने लगा। जैन धर्म के प्रति उसकी परम आस्था थी। वह पर्व-तिथियों में पौषध करता और धर्म-चिन्ता में समय व्यतीत करता था। धार्मिक होने के साथ-साथ वह अत्यन्त पराक्रमी भी था। उसने अपने तेज से सभी राजाओं को
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