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विषय
भगवान् महावीर और चतुविध संघ की उत्पत्ति
द्वितीय समवसरण में तीर्थोत्पत्ति
भगवान् महावीर और दिव्यध्वनि
दिगम्बर मतानुसार
गौतम के प्रश्न
गौतम के प्रश्न करने पर प्रथम देशना भगवान् द्वारा दिव्यध्वनि के द्वारा उपदेश
दशभिः प्रोक्तः परीतेन जिनेशिना
श्वेताम्बर मतानुसार भगवान् की द्वितीय देशना अपापा नगरी में
द्वितीय समवसरण में तीर्थ की स्थापना
भगवान् महावीर और समवसरण ।
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देशना का निष्कर्ष - अपापा नगरी के द्वितीय समवसरण में चतुविध संघ की स्थापना आर्यचन्दना को प्रवर्तिनी पद पर स्थापित भगवान महावीर की देशना द्वितीय धर्म देशना भगवान् महावीर की अन्तिम देशना के समय इन्द्रभूति (गौतम) भगवान् के निकट नहीं थे भगवान् की अंतिम देशना ( अन्तिम रात्रि में ) भगवान् महावीर को अन्तिम देशना
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भगवान् की अंतिम देशना की समाप्ति पर राजा हस्तिपाल राजाके द्वारा देखे गये आठ स्वप्नों की अर्थ पूछा १६३ भगवान की अंतिम देशना की समाप्ति पर हस्तिपाल राजा के आठ स्वप्नों का अर्थ स्वयं पूछना -
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भगवान महावीर की राजगृह में धर्म देशना (धनुमार के दीक्षित वर्ष में) ब्राह्मण कूंडग्राम में धर्मदेशना ( ऋषभदत्त - देवानन्दा दीक्षित) हुए चंपानगरी में धर्म देशना ( कृणिक राजा, सुभद्रादि देवियों के समक्ष ) अन्यान्य नगर में भगवान् की धर्म देशना
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श्रमण भगवान् महावीर के विविध विशेषण
भगवान् महावीर और दुर्गम स्थान
भगवान् महावीर और उनका प्रवचन
भगवन् महावीर से उपदिष्ट और अनुमत पांच वस्तु
भगवान् महावीर से उपदिष्ट एवं अनुमत पांच स्थान
भगवान् महावीर से उपदिष्ट एवं अनुमत पांच स्थान
भगवान महावीर से उपदिष्ट एवं अनुमत पांच स्थान
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