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वर्धमान जीवन-कोश
५-सुधर्म के जन्म के समय हस्तोत्तरा-उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चन्द्र का योग ६-मंडित
मघा ७-मौर्यपुत्र
रोहिणी ८-अकंपित
उत्तराषाढा -अचलभाता
मृगशिर १०-मेतार्य
अश्विनी ११-प्रभास , पुष्प .२६ गणधरों के पिता के नाम वसुभूई धणमित्तो धम्मिल धनदेव मोरिए चेब। देवे वसू अ दत्ते बले अ पिअरो गणहराणं ॥६४॥
-अ.व० निगा ६४७ मलय टीका- आद्यानां त्रयाणां गणभृतां पिता वसुभूतिः, व्यक्तस्य धनमित्रः, सुधर्मस्य धम्मिलः,
मंडिकस्य धनदेवः, मौर्यस्य मौर्यः अकम्पिकस्य देवः, अचलभ्र तुर्वसुः, मेतार्यस्य दत्तः,
प्रभासस्य बलः, एवं पितरो गणधराणां भवन्ति । इन्द्रभूति, अग्निभूति वायुभूति- इन तीनों आद्य गणधरों का पिता के नाम वसुभूत्ति था, व्यक्त गणधर के पिता का नाम धनमित्र, सुधर्म गणधर के पिता के नाम धम्मिल, मंडित के पिता का नाम धनदेव, मौर्यपुत्र के पिता का नाम मौर्य, अकंपित के पिता का नाम देव, अचलभाता के पिता का नाम वसु, मेतार्य के पिता का नाम दत्त तथा प्रभास गणधर के पिता नाम बल था।
.२७ गणधरों की माता के नाम पुहवी अ वारुणी भहिला य विजयदेवा तहा जयंती य। नंदा य वरुणदेवा अईभद्दा य मायरो॥६४८॥
-अव० निगा ६४८ मलय टीका- आद्यानां त्रयाणां गणभृतां माता पृथिवी, व्यक्तस्य वारुणी. सुधर्मस्य भद्रिला, मण्डिक
मौर्यपुत्राणां विजयदेवा पितृभेदेन, धनदेवे, पञ्चत्वमुपागते मण्डिकपुत्रसहिता मौर्येण धृता ततो मौर्योजाता, अविरोधश्चतस्मिन् देशे इत्यदूपणं, जयन्ती माता अकम्पिकस्य,
नन्दा अचलभ्रातुः, वरुणदेवा मेतायस्य अतिभद्रा प्रभासस्य ।
आद्य तीन गणधर-इन्द्रभूति, अग्निभूति, वायुभूति को माता का नाम पृथ्वी, रक्त की माता का नाम वारुणी. सधर्म की माता का नाम भदिला, मंडित तथा मौर्य पुत्र की माता का नाम विजयदेवा मंडित के पिता धनदेव का स्वर्गवास होने के बाद मंडित पुत्र सहित विजयदेवा को मौर्य ने ग्रहण किया। उसके मौर्यपुत्र उत्पन्न हुआ चूंकि उस देश में अविरोध था। अकंपित की माता का नाम जयन्ती, अचलभूाता की माता का नन्दा मेतार्य को माता का नाम वरुणदेवा तथा प्रभास को माता का नाम अतिभद्रा था।
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