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वर्षमान जीवन कोश चाली थी अर्थात् सुन्दर थी। पद्म और उत्पल की सुगन्ध के समान निःश्वास से सुरभित मुख था। उनकी चमड़ी सुन्दर और कोमल थी। रोग से रहित उत्तम, शुभ, अति सफेद और अनुपम प्रभु की देह का मांस था। अत: जल्ल, मल्ल, कलंक, पसोने और रज के दोष से रहित (भगवान का) शगीर था-उस पर मैल जम ही नहीं सकता था। अतः अंग-अंग उज्ज्वल कौति से प्रकाशमान थे। ६ वर्धमान भगवान के शरीर के अवयवों का विवेचन (क) शिख-नख विवेचन
घण-निचिय-सुबद्ध-लक्खण प्रणय-कूडागार-निपिंडि-अग्ग सिरए सामलि-बोंड घण-निचियच्छोडियमिउ विसय-पसत्थ-सुहम-लक्खण सुगंध-सुन्दर-भुअमोअग - भिंग-नेल कज्जल पहि-भमर-गण-णिद्ध णिकुरंब-निचिय-कुचिय-पयाहिणावत्त मुद्ध सिरए दालिम-पुप्फप्पगास-तवणिज्ज-सरिस निम्मल-सुणिद्ध केसंत-केसभूमी घण-निचिय-छत्तागारुत्तमंगदेसे णिवण-समलह-मट्ठ चन्दद्ध-सम-णिडाले उडुवइ पडिपुण्ण-सोमवयणे, अल्लीण-पमाण जुत्त-सवणे सुस्सवणे, पीण-मंसल कवोल-देसभाए आणामिय चाव-रुइल-किण्डब्भराइ तणु-कसिण-णिद्ध भमुहे अनदालिय पुण्डरीय-यणे कोआसिअ-धवल पत्तलच्छे गरु लायत-उज्जु-तुङ्गणासे उवचिअ-सिल पवाल-बिंबफल सण्णिभाहरोह, पंडुर-ससि-सअल-विमल णिम्मल संख. गोक्खीर-फेग-कुन्ददगरय मुणालिआ-धवल-दंत सेढो अखंडदंते अप्फुडिअदंते अविरलदंते सुणिद्धदंते सुजायदंते एगदंतसेढीविव अणेगदंते, हुयवहणिद्धत-धोय-तत्त-तवणिज्ज रत्त-तल-तालु-जीहे अवडिय-सुविभत्त-चित्त मंसू मंसल-संठिय-पसत्थ सहूल विउल हणूए, चउरंगुल-सुप्पमाण-कंबु-वर-सरिस-गोवे, वर-महिस वराह-सीह-सूद्दल उसम-नाग - वर - पडिपुण्ण. विउलक्खंधे जुग-सन्निभ-पीण रइय पीवर-पउट्ठ सुसंठिय-सुसिलिट्ठ विसिठ्ठ-घण-थिर-सुबद्ध-संधि पुर वर-फलिह-वट्टिय भुए-भुय-ईसर-विउल-भोग आदाण पलिह उच्छूढ दोह बाहू-रत्त - तलोवइय मउअ मंसल सुजाय लक्खण-पसत्थ अच्छिद्द-जाल पाणी पीवर कोमल वरंगुली आयंब- तंब - तलिण - सुइ रुइल-णिद्ध-णक्खे चंदपाणिलेहे सूरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्कपाणिलेहे दिसासोस्थिक्ष पाणिलेहे चंद-सूर-संख-चक्क-दिसा-सोस्थिय-पाणिलेहे, कणग सिलातलुज्जल पसस्थ समतल उवचिय विच्छिण्ण पिहुल वच्छे सिरिवच्छंकियवच्छे अकरंडअकणग-रुयय-निम्मल-सुजाय निरुवहय-देहधारी-अठ्ठ-सहस्स - पडिपुण्ण - वर - पुरिस-लक्खण-धरेसण्णयपासे संगयपासे सुन्दरपासे सुजायपासे मिय-माइअ-पीण-रइय-पासे उजुअ-सम-संहिय-जच्च-तणु-कसिण-णिद्ध-आइज्ज-लडह-रमणिज्ज-रोम राई झस विहग सुजायपीण-कुच्छी झसोदरे सुइकरणे पउमविअडणाभे गंगावत्तक पयाहिणावत्त तरंग-भंगुर-रवि-किरण तरुण-बोहिय-अकोसायंत-पउम-गंभीर वियड-णाहे (भे) साहय-सोणंद-मुसल-दप्पण-णिकरिय-वरकणगच्छरू-सरिस-वर-वर-वलिअ-मज्झे-पमुइय-वर-तुरग-सीह-वर-वट्टिय-कडी
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