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पुद्गल-कोश
इसमें मूल श्वेताम्बर जैन आगमों से तो सामग्री ली ही गई है और आगमों की टीकाओं -- नियुक्ति, भाष्य, चूर्णि, संस्कृत से भी सामग्री एकत्र की गई है । इतना ही नहीं उसके अलावा दिगम्बर मौलिक ग्रन्थों कषाय- पाहुड आदि का भी उपयोग किया गया है इतना ही नहीं किन्तु श्वेताम्बर और दिगम्बर पुराणों और आचार्यों द्वारा लिखित संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश भाषा में लिखे गए महावीर के चरित ग्रन्थों से भी सामग्री का संकलन किया गया 1 रूप से 'वर्धमान जीवन कोश' नाम को सार्थक करता है ।
इस तरह यह वास्तविक
- दलसुख मालवणिया
वर्धमान जीवन कोश प्रथम भाग में मनीषी लेखक ने च्यवन से परिनिर्वाण तक सामग्री को सजाया है । बड़ी सजगता से विषय का प्रतिपादन हुआ है ।
- कस्तुरचंद ललवानी सर्वांगीण रूप से 'वर्धमान जीवन कोश' में भगवान् महावीर के जीवन वृत्त का प्रतिपादन हुआ है ।
- बच्छराज संचेती
यह एक महत्वपूर्ण व प्रशंसनीय कृति है ।
- सम्पादक, तुलसीप्रज्ञा, सोलंकी
यह ग्रन्थ भगवान् महावीर के जीवन सम्बन्धी संदर्भों का विस्तृत विश्वकोश है । लेश्या कोश, क्रिया कोश की भांति इसका निर्माण भी अन्तरराष्ट्रीय दशमलव वर्गीकरण पद्धति से किया गया है । इसमें सन्देह नहीं है कि शोधार्थियों के लिए यह ग्रन्थ अतीव उपयोगी सिद्ध होगा
।
-डा० ज्योतिप्रसाद जैन, लखनऊ
संदर्भ ग्रन्थ है । पूर्व प्रकाशित लेश्या कोश, में हुआ है वह उजागर है । इसी तरह का कोश उपयोगी है और भगवान् महावीर के दे रहा है ।
'वर्धमान जीवन कोश' जैन विद्या के क्षेत्र का एक अपरिहार्य, अपूर्व, बहुमूल्य क्रिया कोशों का जो स्वागत देश-विदेश मूल्यवान् संदर्भ ग्रन्थ यह भी है । अस्तु जीवन के सम्बन्ध बहुविध जानकारी
- डा० नेमीचन्द जन, इन्दौर सम्पादक - तीर्थङ्कर
यह पुस्तक सर्वप्रथम
'श्री वर्धमान जीवन कोश' प्रथम खण्ड देखने को मिला । पुस्तक है जिसमें भगवान् महावीर की जीवनी यथार्थ रूप से देखने में आई है । - मुनिश्री लालचन्द ( श्रमण संघीय ), कलकत्ता
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