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पुद्गल-कोश
पएसटुयाए बहुया । एवं एएणं गमएणं जाव - नवपएसिएहितो खंधेहितो दसपएसिया खंधा पएसटुयाए बहुया, एवं सव्वत्थ पुच्छियव्वं । दसपएसिहहतो बंधहितो सखेज्जपएलिया खंधा पएसट्टयाए बहुया । खंखेज्जएसिएहितो बंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पएसटुयाए बहुया [सू० १५६ ] ।
एएसिणं भंते! असंखेज्जपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अनं तप एसिएहितो बंधेहितो असंखेज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए बहुया [ सू १५७ ]
- भग० श २५ । उ ४ । सू १५६, १५७ । पृ० ९२१
परमाणु पुद्गल के प्रदेश से द्विप्रदेशी स्कंध के प्रदेश बहुत है । इसी प्रकार से द्विप्रदेशी स्कंध के पुद्गलों से तीन प्रदेशौ स्कंध के पुद्गल बहुत है यावत् नवप्रदेशी स्कंधों के पुद्गल प्रदेश से दस प्रदेशी स्कंध के पुद्गल प्रदेश बहुत है ।
दस प्रदेशी स्कंध पुद्गलों के बहुत है । संख्यात प्रदेशी स्कंध पुद्गल बहुत है ।
प्रदेश से संख्यात प्रदेशी स्कंध के पुद्गल प्रदेश पुद्गलों के प्रदेश से असंख्यात प्रदेशी स्कंध के
अनंत प्रदेशी स्कंधों के पुद्गल प्रदेश से असंख्यात प्रदेशी स्कंध पुद्गल के प्रदेश बहुत है ।
- २६ परमाणु तथा स्कंध पुद्गलों की अल्पबहुत्व
·१ सकप - निष्कंप परमाणुओं तथा स्कंधों पुद्गलों की अल्पबहुत्व
(क) एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सेयाणं, निरेयाण य कयरे करेहितो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया, निरेया असंखेज्जगुणा, एवं जाव असंखिज्जपएसियाणं खंधाणं ।
- भग० श २५ । उ ४ । सू २०९ । पृ० ९२८
सकंप परमाणु पुद्गल सबसे कम है, इससे निष्कंप परमाणु असंख्यातगुणे है । इसी प्रकार द्विप्रदेशी यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कंधों के सकंप - निष्कंप के विषय में जानना चाहिए |
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