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पुद्गल-कोश
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द्रव्य की अपेक्षा-एक प्रदेशावगाढ़ पुदगल द्रव्यतः सबसे कम है, उससे संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्यतः संख्यात गुणे है, उससे असंख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्यतः असंख्यात गुणे हैं।
प्रदेश की अपेक्षा-एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश रूप से सबसे कम है, उससे संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश रूप से संख्यात गुणे है, उससे असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश रूप से असंख्यात गुणे है । द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ की अपेक्षा
एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ रूप से सबसे कम है, उससे संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्यार्थ रूप से संख्यातगुण है, उसमे संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेशार्थ रूप से संख्यातगुणे हैं, उससे असंख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्यार्थ रूप से असंख्यातगुणे हैं और उससे असंख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश रूप से असंख्यातगुणे है। •२४ पुद्गल और जीव की अल्पबहुत्व १ जीवा अणंतसंखाणंतगुणा पुग्गला हु तत्तो दु।
-गोजी• गा ५८७ जीव अनंत है, उससे पुद्गल अनंत गुणे हैं । •२ ववहारो पुणकालो पोग्गलववादणंतगुणमेत्तो। तत्तो अणंतगुणिदा आगासपदेसपरिसंखा॥
-गोजी० गा ५८९ व्यवहार काल-पुद्गल द्रव्य से अनंत गुणा है। उससे आकाश-प्रदेश अनंत गुणे हैं। .३ जीवभंगो जिनरुक्तः पुद्गलाद्धाविहायसाम् । अनंतगुणितं पूर्व परतः परतः परम् ॥
-पचसं० गा ९ ( अमितगति ) जीव अनंत है उससे पुद्गल अनंत गुणे है उससे काल अनंत गुणा है। •२५ प्रदेश की अपेक्षा पुद्गलों को अल्पबहुत्व
एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं पएसट्टयाए कयरे कयरेहितो बहुया ? गोयमा ! परमाणुपोग्गलेहितो दुपएसिया खंधा
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